कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर। यानी मौजूदा कोरोना-काल में ऐसा आचार-व्यवहार जो कोविड-19 के संक्रमण से बचाए। सरकारी एजेंसियां, मंत्री और यहां तक कि प्रधानमंत्री कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर की शिक्षा देने में लगे रहते हैः मास्क लगाओ, हाथ धोओ, दो गज़ की दूरी…आदि।
बड़ा आसान होता है शिक्षा देना। बड़ा कठिन होता है खुद उस पर चलना। ‘टीका उत्सव’ मनाने की सलाह देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (11 अप्रैल) को इस उत्सव के पहले दिन लिखित अपील जारी कर मास्क लगाने और शारीरिक दूरी बनाए रखने की अपील की। लेकिन, उसी दिन पश्चिम बंगाल में गृह मंत्री अमित शाह व अन्य नेताओं ने बिना मास्क, भारी भीड़ के बीच में चुनावी रोड शो या सभाएं आयोजित कीं। एक दिन पहले शनिवार को देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन आजतक चैनल के शो ‘सीधी बात’ में मेहमान थे। डॉक्टर साहब मास्क लगा कर बैठे, लेकिन शो के होस्ट प्रभु चावला बिना मास्क के थे। प्रभु ने इंटरव्यू का प्रारंभ ही इन शब्दों से किया…तो आपने मास्क पहन लिया।
और, बस! डॉक्टर साहब शुरू हो गए…मास्क तो मैं पहले दिन से पहन रहा हूं और सारे देश के लोगों को समझा रहा हूं…मैं ही नहीं प्रधानमंत्री जी भी लगातार…। डॉक्टर साहब प्रभु को बिना मास्क का देखकर समझाने लगे तो प्रभु ने मेज पर रखा फ्रेश मास्क उठाकर कहा…मैं तो आपकी सलाह मान लूंगा मगर आपके नेता अगर सलाह मानने लगें तो बड़ा अच्छा हो।
प्रभु का इशारा भाजपा के दिग्गज नेताओं-मंत्रियों की तरफ था जो सार्वजनिक स्थलों और रैलियों में बिना मास्क के दिखाई देते रहते हैं। स्वास्थ्य मंत्री इन लोगों को नाम से पहचानने से बचते हुए इतना ही कहा कि जो भी ऐसा कर रहा है, ठीक नहीं। वे भूल गए कि बिना मास्क के वे खुद भी दिखाई पड़ जाते हैं। वे तो उलटे अपने कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का बखान करने में जुट गए…मैंने सवा साल के अंदर एक बार भी मास्क नहीं उतारा है…भाषण भी इसी के साथ दिए हैं…घऱ के अंदर भी ज्यादातर वक्त लगाए रखता हूं।
डॉ. हर्षवर्द्धन के ऐसे दावों के विपरीत सच्चाई यह है कि वे कई बार बगैर मास्क के दिखाई देते रहे हैं। ऐसी तस्वीरें केंद्रीय मंत्री के फेसबुक एकाउंट पर देखी जा सकती हैं।
स्वास्थ्य मंत्री अपने इस इंटरव्यू के बाद सोशल मीडिया पर भी घेरे जा रहे हैं। ओमी (@prakash86325081) लिखते हैः काश इनके जितनी समझ हमारे प्रधानमंत्री, गृहमंत्री को भी होती। हमारे आरोग्य मंत्री जितनी सद्बुद्धि भगवान इन्हें भी दे ताकि वे भी मास्क लगाएं।
राधेश्याम उपाध्याय (@radheshyamupa19) ने ट्वीट किया- अगर भारत में इस बार भी लॉकडाउन हो तो दूरदर्शन पर रामायण, महाभारत दिखाने की बजाए नरेंद्र मोदी और बाबा रामदेव के 2014 में दिए भाषण जरूर दिखाएं।
पर्व सिंघल (@himtradingco) पूछते हैं कि (स्वास्थ्य मंत्री ने) क्या खाना खाते और ब्रश करते समय भी नहीं उतारा।अंकुश जिंदल (@caankush1516) पूछते हैं कि अमित शाह की रैली में कोरोना नहीं होता क्या।