25 जून, 1975 का वो दिन जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगा दिया था। इस दौरान पुलिस विपक्ष के नेताओं को पकड़कर जेल में डाल रही थी। इसके लिए बाकायदा उन नेताओं की एक लिस्ट बनाई गई थी, जिनकी गिरफ्तारी की जानी थी। सुब्रमण्यम स्वामी तब एक ऐसा ही नाम था जिसके पीछे पूरे देश की पुलिस पड़ी थी लेकिन वे पकड़ में नहीं आ रहे थे। पूरे भारत की पुलिस दिन-रात स्वामी की तलाश कर रही थी लेकिन वे वेश बदलकर पुलिस को चकमा देने में कामयाब जाते थे।
बीबीसी हिंदी की एक डॉक्युमेंट्री के मुताबिक, 1975 में देश में आपातकाल लगने के बाद स्वामी अंडरग्राउंड हो गए। उन्होंने और नानाजी देशमुख ने महीनों तक तत्कालीन सरकार के खिलाफ अंडरग्राउंड गतविधियों का संचालन किया। सुब्रमण्यम स्वामी कहते हैं, “नानाजी के साथ रहते हुए हम संगठन बना रहे थे। नानाजी ड्राइवर नहीं रख सकते थे क्योंकि उसका क्या भरोसा इसलिए मैं उनकी गाड़ी चलाता था।”
भाजपा सांसद कहते हैं, “एक दिन मुझे नानाजी ने किसी काम से भेजा और खुद पकड़े गए। उस समय माधवराव जी ने कहा कि आपको मणिनगर रेलवे स्टेशन पर उतरना है, हमें अंडरग्राउंड के लिए एक नंबर देते हुए कहा कि उसे फोन कर लो, एक प्रचारक आएगा और वो प्रचारक नरेंद्र मोदी थे। नरेंद्र मोदी रेलवे स्टेशन आए और उन्होंने हमारा सहयोग किया, गाड़ी में ले गए।”
कुछ दिनों बाद स्वामी आपातकाल के खिलाफ माहौल बनाने के लिए अमेरिका चले गए लेकिन तब कानून था कि कोई भी सांसद बिना अनुमति के 6 महीने से अधिक संसद से अनुपस्थित नहीं रह सकता है। इसलिए, स्वामी ने भारत लौटने का फैसला किया। स्वामी इस पर कहते हैं, “मैंने सोचा कि मैं बैंकॉक के टिकट ले लूं क्योंकि लिस्ट में दिल्ली जाने वालों का ही नाम होगा। मैंने बैंकॉक का टिकट ले लिया। जब मैं दिल्ली उतरा तो मेरे पास कोई सामान नहीं था, उस वक्त राज्यसभा का लाल पास था मेरे पॉकेट में। इमिग्रेशन में सुबह तीन बजे एक ही पुलिसकर्मी बैठा था, उसे मैंने पास दिखाया तो पुलिसकर्मी ने मुझे सैल्युट किया। “
स्वामी ने आगे बताया, “जब मैं बाहर निकला तो टैक्सी लेकर होटल राजदूत में चेक-इन किया। मैंने अंडरग्राउंड रहते हुए पत्नी को कहा था कि मैं उन्हें कॉल करूंगा और अंग्रेज की तरह बोलूंगा कि मैं लंदन से आया हूं और आपकी मौसी ने आपके लिए गिफ्ट भेजा है। इसके लिए आप बैग लेकर आइएगा।” वे कहते हैं, “इसमें असल संदेश यह था कि मेरी पगड़ी, बनावटी दाढ़ी और बुशर्ट पैंट है.. वो लेकर आइएगा।” इस तरह स्वामी कई दफे पुलिस को वेश बदलकर चकमा देते रहे।