गजब का फर्जीवाड़ा, कश्मीर के व्यापारी को बेच डाला 300 करोड़ रुपये का महल!
निहारिका इंफ्रास्ट्रक्चर ने मामले की शिकायत मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा से की है। आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

मुंबई स्थित एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के दो पूर्व कर्मचारियों ने गजब का फर्जीवाड़ा करते हुए कंपनी के मालिकाना हक वाले एक ऐतिहासिक महल को कश्मीर स्थित एक हॉस्पिटैलिटी कंपनी को बेच डाला। बता दें कि बेचे गए महल की कीमत करीब 300 करोड़ रुपए हैं। कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारी जब प्रोपर्टी रजिस्टार के ऑफिस पहुंचे, तब जाकर इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। फिलहाल इसकी शिकायत मुंबई आर्थिक अपराध शाखा के समक्ष दर्ज करायी गई है।
मुंबई मिरर की एक खबर के अनुसार, मुंबई बेस्ड कंस्ट्रक्शन कंपनी निहारिका इंफ्रास्ट्रक्चर ने 3 साल पहले नाजरी बाग पैलेस ट्रस्ट से हैदराबाद के नजदीक स्थित हैदरगुडा में नाजरी बाग पैलेस खरीदा था। इस पैलेस को ‘किंग कोठी’ के नाम से भी जाना जाता है। बीते जून माह में कंपनी के कर्मचारी जब हैदराबाद प्रॉपर्टी रजिस्टार ऑफिस पहुंचे तो उन्हें पता चला कि पैलेस का मालिकाना हक तो आइरिश हॉस्पिटैलिटी के नाम पर ट्रांसफर हो चुका है।
बता दें कि आइरिश हॉस्पिटैलिटी जम्मू कश्मीर बेस्ड कंपनी है, जिसके मालिक अमित अमला और अर्जुन अमला हैं। इसके बाद निहारिका इंफ्रास्ट्रक्चर ने जांच की तो पता चला कि कंपनी के दो पूर्व कर्मचारी सुरेश कुमार और सी.रविंद्र ने धोखाधड़ी से हैदराबाद स्थित पैलेस को कश्मीरी कंपनी को बेच दिया है।
दोनों पूर्व कर्मचारियों ने इसी साल फरवरी में नौकरी छोड़ दी थी। फिलहाल निहारिका इंफ्रास्ट्रक्चर ने मामले की शिकायत मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा से की है। आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक दोनों आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं, जिनकी तलाश में जगह-जगह छापेमारी की जा रही है।
बता दें कि किंग कोठी या नाजरी बाग पैलेस 2.5 लाख स्कवायर फीट में फैला है। माना जाता है कि हैदराबाद के भारत में विलय से पहले हैदराबाद के आखिरी निजाम मीर उस्मान अली खान इसी महल में रहे थे। हैदराबाद के निजाम ने यह महल मशहूर आर्किटेक्ट कमाल खान से खरीदा था।