केंद्रीय आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को देश में नए शहरों को विकसित करने के के लिए 21 राज्यों से 26 प्रस्ताव मिले हैं ताकि राज्य शहरी विस्तार की मांग पूरी कर सकें। फिलहाल प्रस्तावों की जांच और मूल्यांकन किया जा रहा है। आवासन एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 15वें वित्त आयोग ने आठ नए शहरों के इनक्यूबेशन के लिए प्रदर्शन आधारित चुनौती कोष में 8,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और हर प्रस्तावित नए शहर के लिए उपलब्ध राशि 1,000 करोड़ रुपये है।
उन्होंने कहा, “एक राज्य इस कोष के माध्यम से केवल एक नया शहर बना सकता है। इस प्रकार नौ राज्यों में अधिकतम नौ नए शहरों का चयन किया जा सकता है।” उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में छोटी शहरी आबादी को ध्यान में रखते हुए दो अलग-अलग राज्यों में दो नए शहरों के लिए 1,000 करोड़ रुपये (प्रत्येक के लिए 500 करोड़ रुपये) का प्रस्ताव किया गया है।
किशोर ने कहा, “मंत्रालय ने प्रतिस्पर्धा के लिए राज्यों के लिए न्यूनतम पात्रता शर्तों और बोली मानदंडों को निर्दिष्ट किया है। राज्यों से बोली प्राप्त करने की अंतिम तिथि 20 जनवरी, 2023 थी।” उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश सहित 21 राज्यों से कुल 26 प्रस्ताव अंतिम तिथि तक प्राप्त हुए हैं। ये प्रस्ताव जांच और मूल्यांकन के चरण में हैं।”
नए शहरों के विस्तार के लिए प्राप्त प्रस्तावों में अयोध्या (उत्तर प्रदेश), जागीरोड (असम), न्यू एमओपीए आयुष सिटी, पेरनेम (गोवा), गिफ्ट सिटी विस्तार (गुजरात), पाक्योंग (सिक्किम), थिरूमझिसाई (तमिलनाडु), बंटाला ग्रीनफील्ड सिटी, कर्मादिगंटा (पश्चिम बंगाल), जबलपुर एक्सटेंशन (मध्य प्रदेश), विरूल (महाराष्ट्र), एरोसिटी (केरल), न्यू रांची सिटी (झारखंड), माउंटेन टाउनशिप (हिमाचल प्रदेश), गुरुग्राम (हरियाणा), कोप्पार्थे (आंध्र प्रदेश) और गुमिन नगर शामिल हैं। पासीघाट (अरुणाचल प्रदेश), भुवनेश्वर (ओडिशा), एरोट्रोपोलिस (पंजाब), जीएफसी-रानपुर (राजस्थान), नागाकी ग्लोबल सिटी (नागालैंड), यथिबिलोकुल (मणिपुर) और डोईवाला (उत्तराखंड) शामिल हैं।