भारतीय जनता पार्टी ने अगले साल होने जा रहे आम चुनावों के लिए अपनी तैयारियों का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है। पार्टी ने दक्षिण राज्यों, ओडिशा और पश्चिम बंगाल पर ध्यान केंद्रित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल के अंत में कम से कम 100 रैलियां करेंगे और उन राज्यों में बड़ी परियोजनाओं की घोषणा करेंगे, जहां पार्टी अपनी पहुंच बढ़ाना चाहती है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा है कि 2024 के आम चुनावों के लिए भाजपा का खाका लगभग तैयार है।
कई राज्यों में होगी मेगा परियोजनाओं की घोषणा
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी साल के अंत तक नए कार्यक्रमों को लॉन्च करने और परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए रैलियों को संबोधित करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार उन राज्यों में मेगा परियोजनाओं और व्यय की घोषणा करेगी जहां भाजपा अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही है।
भाजपा ने पहले ही महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। जहां महिला मोर्चा को महिला लाभाथियों तक पहुंचने और उनके लिए केंद्रीय योजनाओं पर आक्रामक रूप से अभियान चलाने का काम सौंपा गया है। वहीं, अल्पसंख्यक मोर्चा ने 10 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में लगभग 60 लोकसभा क्षेत्रों की सूची तैयार की है जहां अल्पसंख्यकों की संख्या आबादी का 30 फीसद है।
तीन सदस्यीय समिति का गठन
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए एक समिति का गठन किया है। वरिष्ठ नेताओं सुनील बंसल, विनोद तावड़े और तरुण चुघ का तीन सदस्यीय पैनल विभिन्न मोर्चों और विधायकों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की निगरानी करेगा। समिति इस बात पर भी ध्यान देगी कि अगर कार्यक्रमों में कुछ बदलाव की जरूरत है, तो उसके लिए सुझाव दिए जाएंगे। यह समिति समग्र पर्यवेक्षण के प्रभारी होंगे, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों को अलग-अलग राज्यों का प्रभार दिया जाएगा। भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा कि तैयारियों की विभिन्न स्तरों पर निगरानी की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी प्वाइंट पर अनदेखी ना हो। पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा, “दक्षिणी राज्यों, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।”
इन राज्यों पर होगा खास ध्यान
वहीं, भाजपा मध्य प्रदेश जैसे राज्य में अपने संगठन को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां मजबूत पार्टी संरचना से चुनावी प्रभुत्व सुनिश्चित करने की उम्मीद की जाती है, तेलंगाना के लिए पार्टी की रणनीति अलग रही है। सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और केरल में अधिक सीटें जीतने के लिए प्रतिबद्ध है। नेता ने कहा, “ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे पूर्वी राज्यों में भाजपा को लोकसभा चुनावों में अपने लाभ का विस्तार करना है, यहां रणनीति अलग होगी।”
केरल के लिए पार्टी की एक अलग रणनीति होगी। वाम और कांग्रेस को हराने के लिए मंत्रियों सहित केंद्रीय नेताओं द्वारा सार्वजनिक कार्यक्रमों की संख्या बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार केरल में नई परियोजनाओं की घोषणा कर सकती है।
त्रिपुरा और नगालैंड में जीत के बाद पिछले सप्ताह भाजपा मुख्यालय में विजय रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर में भाजपा की बार-बार जीत ने पार्टी के ईसाई विरोधी होने के आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने घोषणा की कि भाजपा गठबंधन केरल में सत्ता में आएगा, जब लोगों को यह एहसास होगा कि वामपंथी और कांग्रेस ने राज्य को लूटन के लिए हाथ मिलाया है।