अब पुराने वाहनों को भी रखना और रजिस्ट्रेशन, फिटनेस रिन्यू कराना आपके लिए महंगा साबित हो सकता है। इसके लिए आपको 8 गुना तक ज्यादा फीस देनी पड़ सकती है। सरकार अक्टूबर 2021 से नई दरें लागू करने की योजना बना रही है। जानकारी के मुताबिक सरकार ने इसके लिए ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। अगर आपकी कार 15 साल से ज्यादा पुरानी है तो रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराने के लिए 15 हजार रुपये चुकाने पड़ सकते हैं। यह रकम वर्तमान फीस की आठ गुनी है।
न केवल कार बल्कि पुरानी बाइक के रीरजिस्ट्रेशन के लिए भी 300 के बजाय एक हजार रुपये की फीस देनी पड़ सकती है। गुरुवार को लोकसभा में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने वीइकल स्क्रैपेज पॉलिसी का ऐलान भी किया। उन्होंने कहा कि अगर कोई शख्स पुराने वाहन को स्क्रैप में देता है तो उसे पांच फीसदी का डिस्काउंट भी दिया जाएगा। दरअसल ये सब कदम प्रदूषण को कम करने के लिए उठाए जा रहे हैं।
अगर 15 साल से ज्यादा पुरानी ट्रक या बस का फिटनस रिन्यूअल करवाया जाएगा तो 12500 रुपये की फीस देनी होगी जो कि वर्तमान फीस की 21 गुनी है। नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया है कि रजिस्ट्रेशन में देरी करने पर हर महीने 300 से 500 रुपये का जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
रिपोर्ट्स में कहा गया था कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण में सबसे ज्यादा वे गाड़ियां जिम्मेदार हैं जो कि 15 साल से ज्यादा पुरानी हो गई हैं। सरकार ने पुराने वाहनों को सड़क से हटाने के लिए यह योजना तैयार की है। सरकार के इस कदम से पुराने वाहनों की कीमत और भी गिर सकती है।
सरकार के प्रस्ताव के तहत व्हीकल का फिटनेस टेस्ट 20 साल के बाद होगा। कमर्शल वाहनों का फिटनेस टेस्ट 15 साल में होगा। मैनुअल लाइट व्हीकल के फिटनेस टेस्ट में 800 रुपये की फीस देनी होगी वहीं ऑटोमेटेड गाड़ियों के फिटनेस टेस्ट में 100 रुपये देने होंगे।
खराब गाड़ी दी तो कंपनियों की खैर नहीं
अगर आप नई गाड़ी खरीदते हैं और आपको खराब वाहन दे दिया जाता है तो आपके लिए राहत की खबर है। सरकार के नए नियम के मुताबिक खराब वाहन देने पर कंपनी को उसे रीकॉल करना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करती तो उन्हें 10 लाख से लेकर 1 करोड़ तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। यह नियम इंपोर्टेड वाहनों पर भी लागू है।