केंद्र सरकार ने 8 जून को वर्ष 2022-23 के लिए धान (सामान्य) के लिए 2,040 रुपये प्रति क्विंटल और धान (ग्रेड ए) के लिए 2,060 रुपये प्रति क्विंटल की दर से एमएसपी की घोषणा की। लेकिन धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का सुझाव देने वाले 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 14 ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित एमएसपी की तुलना में अधिक एमएसपी की सिफारिश की थी।
कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की एक रिपोर्ट (जिसके आधार पर सरकार विभिन्न फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा करती है) से पता चलता है कि सभी 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने धान के एमएसपी को उत्पादन और लागत के आधार पर 2,000 रुपये प्रति क्विंटल से 4,513 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रखने का सुझाव दिया था। ये राज्य और केंद्र शासित प्रदेश आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल हैं।
जम्मू कश्मीर ने कम केन्द्र सरकार द्वारा घोषित एमएसपी से कम एमएसपी देने की मांग की थी। वहीं तेलंगाना ने घोषित एमएसपी से दुगने से अधिक एमएसपी देने की मांग की थी। जम्मू कश्मीर द्वारा 2 हजार रुपए प्रति क्विंटल जबकि तेलंगाना द्वारा 4513 रुपए प्रति क्विंटल की एमएसपी की मांग की गई थी। रिपोर्ट से पता चलता है कि 6 राज्यों (जिसमें असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल है और सभी भाजपा द्वारा शासित) ने 2022-23 के लिए धान के एमएसपी के लिए कोई आंकड़ा नहीं सुझाया था।
पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, बिहार और असम धान के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं। फसल पर एमएसपी महत्वपूर्ण है क्योंकि खरीफ विपणन सीजन 2021-22 के दौरान 1.17 करोड़ किसानों ने इसका लाभ उठाया। 8 जून को केंद्र ने धान सहित सभी अनिवार्य खरीफ फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा की थी। धान (सामान्य) का एमएसपी 2021-22 में 1,940 रुपये प्रति क्विंटल से 5.15 प्रतिशत बढ़ाया गया था।
कपास के लिए केंद्र ने मध्यम स्टेपल कपास के लिए 6,080 रुपये प्रति क्विंटल और लॉन्ग स्टेपल कपास के लिए 6,380 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी की घोषणा की है। जबकि राज्यों ने एमएसपी को 6,026 रुपये से 15,890 रुपये के बीच सुझाया था।