किसान आंदोलन के 101 दिनः 5 घंटे रहेगा एक्सप्रेस वे का चक्का-जाम, ट्रैक्टर को किसानों का टैंक बता टिकैत ने बताया फॉर्म्युला
किसान दिल्ली से सटे कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे को 5 घंटे के लिए जाम करेंगे। किसानों के कहा है कि सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक एक्सप्रेसवे पर शांतिपूर्ण तरीके से चक्का जाम किया जाएगा।

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले 101 दिनों से जारी है। किसान नेता केंद्र सरकार से इन क़ानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने की माग कर रहे हैं। इस मौके पर शनिवार को किसान दिल्ली से सटे कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे को 5 घंटे के लिए जाम करेंगे। इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्रैक्टर को किसानों का टैंक बताया है।
किसानों के कहा है कि सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे पर शांतिपूर्ण तरीके से चक्का जाम किया जाएगा। किसान नेता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर सभी किसानों का आभार जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि समाधान के लिए आखिरी सांस तक संघर्ष करेंगे। टिकैत ने लिखा “ट्रैक्टर किसानों का टैंक है। लंबी लड़ाई के लिए एक गांव, एक ट्रैक्टर 15 किसान और 10 दिन चाहिए, यह फार्मूला है। कारों से आंदोलन नहीं चला करते।”
टिकैत ने ट्वीट कर लिखा “देश में अगला जो आंदोलन होगा उसमें कहीं बैरिकेडिंग नहीं होनी चाहिए, अगर होगी तो इसे तोड़ा जाएगा। फसलों के फैसले की किसान करेगा। किसान नेता ने सरकार पर सरकार उद्योगपतियों के हाथ की कठपुतली होने का आरोप लगाया है।
टिकैत ने लिखा “सरकार उद्योगपतियों के हाथ की कठपुतली बनकर काम कर रही है, व्यापारी उन्हें जो कह रहे हैं, सरकार वही कर रही है। गोदाम पहले बनवा दिए, क़ानून बाद में बनाए हैं ।”
तीन महीनों से अधिक समय से दिल्ली की तीन सीमाओं सिंघु, टीकरी और गाजीपुर में बड़ी संख्या में देश के विभिन्न हिस्सों से आए किसान डटे हुए हैं। इनमें मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान शामिल हैं।
26 नवंबर, 2020 से किसान अपनी दो मुख्य मांगों- तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी बनाने की मांग के साथ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।