देश का विदेशी मुद्रा भंडार 6 अगस्त, 2021 को समाप्त सप्ताह में 88.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 621.464 अरब डॉलर के सर्वकालिक रेकॉर्ड स्तर को छू गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को अपने ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी।
विदेशी मुद्रा भंडार 30 जुलाई, 2021 को समाप्त सप्ताह में 9.427 अरब डॉलर बढ़कर 620.576 अरब डॉलर हो गया था। रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि की वजह विदेशी मुद्रा संपत्ति(एफसीए) का बढ़ना था जो समग्र भंडार का प्रमुख घटक है। इस दौरान एफसीए 1.508 अरब डॉलर बढ़कर 577.732 अरब डॉलर हो गया। डॉलर के लिहाज से बताई जाने वाली विदेशी मुद्रा संपत्ति में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है।
आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान स्वर्ण भंडार 58.8 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर रह गया। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के पास मौजूद विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 10 लाख डॉलर घटकर 1.551 अरब डॉलर रह गया। रिजर्व बैंक ने बताया कि आलोच्य सप्ताह के दौरान आइएमएफ के पास मौजूद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.1 करोड़ डॉलर घटकर 5.125 अरब डॉलर रह गया।
उधर, अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन, सऊदी अरब, कनाडा, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे प्रमुख बाजारों को परिधान निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। परिधान निर्यात संवर्द्धन परिषद (एईपीसी) ने शनिवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए 400 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य में परिधान क्षेत्र की प्रमुख भूमिका होगी।
एईपीसी के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने परिषद की 42वीं सालाना आम बैठक में सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक पश्चिमी बाजार में परिधान निर्यात रफ्तार पकड़ रहा है। उन्होंने बताया कि जनवरी-मई, 2021 के दौरान अमेरिका को निर्यात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 22 फीसद बढ़ा है। शक्तिवेल ने कहा कि उन्होंने सरकार से यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, अमेरिका, आॅस्ट्रेलिया और कनाडा के साथ मुक्त व्यापार करार को पूरा करने को कहा है।
उन्होंने कहा कि भारत को प्रमुख विदेशी गंतव्यों में अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में शुल्क के मोर्चे पर कुछ नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश, कंबोडिया, तुर्की, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देशों की तुलना में भारत से यूरोपीय संघ को निर्यात में शुल्क के मोर्चे पर 9.6 फीसद का नुकसान हो रहा है।