मौसम के करवट लेते ही क्रोनिक बीमारी से जूझ रहे लोगों में जटिलताएं बढ़ जाती है। कई अध्ययनों में कहा गया है कि सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। खासकर उन लोगों के लिए सर्दी का मौसम परेशानी का सबब है जिनका कोलेस्ट्रॉल लेवल बॉर्डर लाइन पर है। जैसे ही सर्दी के मौसम में तापमान नीचे आता है, हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में खून की धमनियां सिकुड़ने लगती है। इस कारण खून की धमनियों में खून का थक्का बनने का जोखिम भी बढ़ जाता है। इसके साथ ही ब्लड प्रेशर भी बहुत बढ़ जाता है यही कारण है कि सर्दी में हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाताहै।
तापमान घटने के साथ ही सुबह में सबसे ज्यादा परेशानी होती है जब तापमान बहुत नीचे रहता है इसी दौरान खून का थक्का बनने की आशंका ज्यादा रहती है। रिसर्च के मुताबिक सुबह में ब्लड प्रेशर भी बहुत ज्यादा रहता है। चिंता की बात यह है कि इसी समय शरीर का हार्मोन भी असंतुलित रहता है जिसके कारण खतरा और बढ़ जाता है। सुबह में खून के बहाव को बरकरार रखने वाले हार्मोन कम निकलते हैं इसलिए खून में थक्का बनने का जोखिम ज्यादा रहता है।
सर्दी में हार्ट अटैक का खतरा क्यों बढ़ जाता है?
हार्ट इंस्टीट्यूट में क्लिनकल एंड प्रीवेंशन कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर डॉ मनीष बंसल ने बताया कि सर्दी में तापमान गिरने के कारण शरीर के महत्वपूर्ण अंग सिकुड़ने लगते हैं, इसी प्रक्रिया में खून की धमनियां भी सिकुड़ने लगती है। चूंकि पहले शरीर के जरूरी अंगों को गर्म करने की आवश्यकता होती है। इसलिए हार्ट पहले उन अंगों को खून की सप्लाई तेज कर देता है, यही खून की खपत ज्यादा हो जाती है जिस कारण स्किन और लिंब में खून कम पहुंचता है।
धमनियों के सिकुड़ने के कारण शरीर के बाहरी हिस्सों में खून का बहाव कम हो जाता है। इस प्रक्रिया में हार्ट बहुत तेज धड़कने लगता है। चूंकि खून की धमनियां सिकुड़ने लगती है जिस कारण हार्ट शरीर के सभी अंगों में खून पहुंचाने के लिए बहुत दबाव के साथ पंप करता है इसलिए धड़कन तेज हो जाती है और ब्लड प्रेशर ज्यादा हो जाता है। जब धमनियां सिकुड़ना लगती है तो उसमें खून का क्लॉट बनने की आशंका ज्यादा होती है। क्लॉटिंग के कारण ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने लगती है इससे दिमाग में भी ऑक्सीजन पहुंचना रूकने लगती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
इन लोगों को दिल का दौरा पड़ने की आशंका ज्यादा रहती है:
धूम्रपान करने वाले, मोटे लोग, हाई बीपी वाले रोगी, अत्यधिक शराब का सेवन करने वाले लोगों, जिनको पहले से ही हृदय की परेशानी हैं उनको दिल का दौरा पड़ने की आशंका ज्यादा रहती है।
इन बातों का रखें ध्यान:
- हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखें। बीपी को कंट्रोल करने के लिए दवाई का सेवन करें।
- अत्यधिक ठंड के संपर्क में आने से बचें और गर्म कपड़े पहनें
- नमक के अत्यधिक सेवन से बचें
- अनहेल्दी फूड और अधिक खाने से बचें। ये कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकते हैं।
- रेगुलर एक्सरसाइज करें।
- जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज नहीं करें वरना दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ सकता है।