पंजाब के फिरोजपुर दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सुरक्षा में हुई चूक की खबर सुर्खियों में है। तमाम सुरक्षा व्यवस्था होने के बावजूद भी देश अपने दो प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) और इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) को खो चुका है। पहले भी सुरक्षा चूक के चलते प्रधानमंत्रियों की हत्या हो चुकी है, इसलिए भी मामले को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक की केवल यही घटनाएं नहीं हैं। इस तरह की और भी कई घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन इतिहास में भी अभी तक सिर्फ एक बार ही ऐसा हुआ है जब प्रधानमंत्री की सुरक्षा करने वाले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानि एसपीजी को फायरिंग करनी पड़ी थी। इसमें एक की जान चली गई थी।
कब-कब हुई थी सुरक्षा में चूक: 70 के दशक में चुनाव प्रचार के सिलसिले में इंदिरा जब ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर गईं, तो वहां भीड़ में कुछ उपद्रवी भी थे। उन्होंने इंदिरा के ऊपर पथराव किया तो एक ईंट का टुकड़ा आकर उनकी नाक पर लगा था। जिससे उनके नाक से खून बहने लगा था। ऐसा ही एक बार 2006 में मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए भी केरल के तिरुवनंतपुरम में सुरक्षा चूक हुई थी। इसके अलावा एक बार पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की सुरक्षा के लिए एसपीजी को गोली तक चलनी पड़ गयी थी।
एसपीजी ने क्यों चलाई गोली: पत्रकार रमेश परिडा ने इस घटना के बारे में जिक्र करते हुए बताते हैं कि 25 जनवरी 2000 में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ट्रेन में यात्रा कर रहे थे। तब पूर्व प्रधानमंत्रियों को भी लंबे समय तक एसपीजी सुरक्षा मिला करती थी। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के सादत स्टेशन पर ट्रेन रुकी थी। तब स्टूडेंट्स का एक ग्रुप जबरदस्ती उस ट्रेन कंपार्टमेंट में घुसने की कोशिश करने लगा, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर यात्रा कर रहे थे।
सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें हटाने की कोशिश की लेकिन इसमें अफरातफरी फैल गई। जिसके बाद बेकाबू भीड़ को रोकने के लिए एसपीजी को फायरिंग करनी पड़ी। इसमें एक छात्र मारा गया जबकि एक अन्य घायल हो गया था। इसी घटना के बाद कानून में संशोधन करते हुए पूर्व प्रधानमंत्रियों को पद से हटने के एक साल बाद तक ही ये सुरक्षा मिलती है।
SPG की कैसे काम करता है: एसपीजी एक ऐसी फोर्स है जो प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार की रखवाली में तैनात की जाती है। यह सुरक्षाबल वर्तमान में 3,000 के संख्या बल में है। पीएम मोदी की पहले निर्धारित की गई यात्रा से तीन दिन पहले, पीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी रखने वाली एसपीजी (विशेष सुरक्षा समूह) एक मीटिंग करता है।
ऐसा होता है एसपीजी घेरा: एसपीजी कमांडो पीएम के चारों तरफ रहते हैं और उनके साथ-साथ चलते हैं। प्रधानमंत्री के निजी सुरक्षा गार्ड सुरक्षा घेरे की दूसरी पंक्ति में तैनात रहते हैं। तीसरे सुरक्षा चक्र में नेशनल सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) होते हैं। चौथे चक्र में अर्द्धसुरक्षा बल के जवान और विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारी होते हैं। सुरक्षा के पांचवे चक्र में कमांडो और पुलिस कवर के साथ कुछ अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं से लैस वाहन और एयरक्राफ्ट रहते हैं। यह सभी वाहन उच्च क्षमता के सैन्य आयुधों (आर्म्स एम्युनिशन) से लैस होते हैं।