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World Bipolar Day 2023: मन ही नहीं तन को भी तोड़ देगी आपकी उदासी और गंभीरता, बायपोलर डिसऑर्डर के हैं ये लक्षण, इन तरीकों से रहें खुश

बाइपोलर डिसऑर्डर तमाम उम्र साथ रहने वाली बीमारी है। इस बीमारी से पीड़ित इंसान को प्यार की जरूरत होती है।

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अगर कोई व्यक्ति टाइप वन बाइपोलर डिसऑर्डर (मेनिया ) से पीड़ित है तो उसे मेनिया या डिप्रेशन के दौरे पड़ते हैं। photo-freepik

बाइपोलर डिसऑर्डर एक मानसिक विकार है जिसमें इंसान का मिजाज़ हमेशा बिगड़ा रहता है। इस बीमारी से पीड़ित इंसान लम्बे समय तक उदास और गंभीर रहता है। इस बीमारी की दो स्थितियां होती हैं पहली स्थिति में इंसान बेहद एक्टिव रहता है तो दूसरी स्थिति में बिल्कुल शांत और उदास रहता है। ये उदासी इंसान पर इतनी ज्यादा सवार होती है कि वो खुद को मारने यानि आत्महत्या करने पर भी उतारू हो जाता है। बाइपोलर डिसऑर्डर एक ऐसी मानसिक स्थिति में जिसमें व्‍यक्ति की भावनाएं स्थिर नहीं रहती हैं। ऐसी परीस्थितियों में व्यक्ति अपने बर्ताव पर कंट्रोल नहीं कर पाता है।

ये बीमारी 100 में से एक व्यक्ति को होती है। इस बीमारी की शुरूआत 14 से 19 साल की उम्र में होती है। फोर्टिस हॉस्पिटल के साइकेट्रिस्ट जतिन वाणी के मुताबिक ये बीमारी एक मूड डिसआर्डर है। ये एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जो मुख्य रूप से आपकी भावनात्मक स्थिति को प्रभावित करती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि बाइपोलर डिसऑर्डर के प्रकार और इस बीमारी के लक्षण कौन कौन से हैं।

टाइप वन बाइपोलर(मेनिया )

अगर कोई व्यक्ति टाइप वन बाइपोलर डिसऑर्डर (मेनिया ) से पीड़ित है तो उसे मेनिया या डिप्रेशन के दौरे पड़ते हैं।उसका मूड या तो बहुत हाई होता है या लो रहता है। बाइपोलर वन यानि मेनिया में मरीज़ को तेज़ी के दौरे आते हैं। इस डिसऑर्डर में इंसान बड़ी बड़ी बातें करता है खुद को बेहद अहमियत देता है,लगातार काम करता रहता है। ऐसे इंसान को नींद बेहद कम आती है। कम सोने के बाद भी वो चुस्त और दुरुस्त रहता है। इस स्थिति में मरीज की ‘सेक्स ड्राइव’ भी बढ़ जाती है। वो अपनी संपत्ति लुटाने पर तुला रहता है।

टाइप टू बाइपोलर(हाइपोमेनिया)

टाइप टू बाइपोलर में मरीज को उदासी के दौरे पड़ते हैं। इस डिसऑर्डर में मन उदास रहता है। ऐसे मरीज बिना किसी वजह के रोते रहना पसंद करते हैं। ऐसे लोगों का किसी काम को करने में मन नहीं लगता। नींद नहीं आती लेकिन ये लोग फिर भी ज्यादा समय बिस्तर पर ही रहते हैं।

बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण

  • मैनिक एपिसोड (मूड डिसऑर्डर) के दौरान होने वाले लक्षणों में शामिल हैं:
  • एनर्जी में वृद्धि होना
  • अचानक से उत्साह आना
  • शारीरिक और मानसिक गतिविधि में बढ़ोतरी होना
  • ऐसे लोग पैसा खर्च करता है तो बेशुमार खर्च करता है
  • तेज गति से विचार करना या स्‍पीच देना
  • गलत फैसला लेना
  • नींद में कमी
  • बिना सोचे समझे खराब ड्राइविंग करना
  • खुद को हद से ज्‍यादा महत्‍व देने वाली भावनाएं
  • अगर मरीज में ये लक्षण एक हफ्ते तक चलते हैं तो उसे मेनिया बोलते हैं।

बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित इंसान की कैसे मदद करें:

  • बाइपोलर डिसऑर्डर तमाम उम्र साथ रहने वाली बीमारी है। इस बीमारी से पीड़ित इंसान को प्यार की जरूरत होती है।
  • इस बीमारी से पीड़ित इंसान को प्यार के साथ गलत और सही का फर्क समझाएं।
  • दिमाग को शांत रखने की सलाह दें। मरीज को ज्यादा थकाएं नहीं।
  • ऐसे मरीज़ों को लोगों से मिलने-जुलने के लिए भी प्रेरित करें।
  • इस बीमारी से पीड़ित इंसान के अनुभवों और पर्सनल चीजों पर बात करें। उसके तनाव को दूर करने की कोशिक करें
  • इस बीमारी से पीड़ित इंसान अगर ज्यादा गंभीर है तो आप उसके साथ वॉक पर जा सकते हैं ताकि उसे खुशी मिले

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First published on: 30-03-2023 at 11:06 IST
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