पीरियड्स (Periods)महिलाओं में हर महीने होने वाला एक नेचुरल प्रोसेस है। नॉर्मल पीरियड साइकिल 28 दिनों का होता है लेकिन ये अवधि कम और ज्यादा दोनों हो सकती है। नॉर्मल अवधि 21 से 40 दिनों तक की हो सकती है। अगर 28 दिनों के बाद पीरियड नहीं आए तो उसे लेट माना जाता है। हालांकि कुछ दिनों का आगे-पीछे होने से कोई परेशानी नहीं है। अगर पीरियड 40 दिनों बाद आए और हर महीने इस तरह की परेशानी हो तो उसे अनियामित पीरियड माना जाता है।
महिलाओं में पीरियड का देर से आना कई कारणों की वजह से होता है जैसे हार्मोन्स में बदलाव, तनाव, बढ़ता वजन, थॉयराइड और एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी की वजह से भी पीरियड अनियामित होता है। महिलाओं में एस्ट्रोजन जरूरी हार्मोंस में से एक है जो उनकी बॉडी में कम मात्रा में मौजूद होता है
एस्ट्रोजन को सामान्य रूप से फीमेल बॉडी से जोड़ा जाता है। यह हॉर्मोन महिलाओं में सेक्सुअल डेवलपमेंट, प्रेग्नेंसी में ब्रेस्ट में बदलाव, बोन, कोलेस्ट्रॉल मेटाबॉलिज्म, मेंस्ट्रुअल साइकिल के लिए जिम्मेदार है। महिलाओं में एस्ट्रोजन लेवल कम होने पर उनकी बॉडी में इसके लक्षण दिखने लगते हैं।
21st Century Hospitals में ऑब्सट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिस्ट अदीति नाडकर्णी के मुताबिक महिलाओं में एस्ट्रोजन का स्तर कम होने पर बॉडी में लक्षण दिखने लगते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि महिलाओं की बॉडी में इस हॉर्मोन के कम होने से कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं।
- महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी होने पर पीरियड साइकल अनियामित हो जाता है। पीरियड या तो देरी से आता है ये जल्दी आता है।
- महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम होने से बार-बार यूरीन में इंफेक्शन का खतरा अधिक रहता है।
- महिलाओं का मूड स्विंग होता है और उन्हें ज्यादा पसीना आने की परेशानी हो सकती है उनकी बॉडी का तापमान बदलने लगता है।
- इस हॉर्मोन के स्तर में बदलाव होने से डिप्रेशन की बीमारी हो सकती है और महिलाओं का तनाव बढ़ सकता है।
- महिलाओं को हर वक्त थकान और सिर दर्द की परेशानी महसूस होती है। सिर दर्द माइग्रेन की वजह से भी हो सकता है।
- एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से महिलाओं को चेस्ट में जकड़न महसूस होती है और फोकस करने में दिक्कत होती है।
- महिलाओं की हड्डियां कमजोर हो जाती है और हड्डी टूटने का खतरा भी बढ़ जाता है।