गठिया एक ऐसी बीमारी है जो इंसान को न तो ठीक से चलने देती है और न ही बैठने देती है। हर वक्त दर्द ही दर्द रहता है। इसकी वजह से जोड़ों में पीड़ा होती है तथा ऐठन और सूजन हो जाती है। यह आम तौर पर शरीर में कैल्सियम की कमी के कारण होती है। इस बीमारी में प्यूरिन नामक प्रोटीन के मेटाबोलिज्म की विकृति से खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है।
यदि शरीर में बहुत अधिक यूरिक एसिड रहता है, तो हाइपरयूरिसीमिया नामक बीमारी उत्पन्न हो जाएगी। Hyperuricemia के कारण यूरिक एसिड (या यूरेट) के क्रिस्टल बन जाते हैं। ये क्रिस्टल जोड़ों में जमा हो जाते हैं और इसकी वजह से गठिया हो जाता है, जो बहुत दर्द देता है। वे गुर्दे में भी चले जाते हैं और पथरी बना सकते हैं।
बैठे रहने या सोने पर यही यूरिक एसिड जोड़ों में इकठ्ठा हो जाते हैं, जो अचानक चलने या उठने में तकलीफ देते हैं। और आर्थराइटिस की समस्या भी पैदा होने लगती है। इसके इलाज के लिए कई तरह की दवाएं और मलहम आती हैं, लेकिन पूरी तरह से निदान के लिए फिजियोथेरेपी या योग का ही सहारा लेना पड़ता है।
योग गुरु बाबा रामदेव कहते हैं कि जिन्हें यूरिक एसिड की समस्या है, वे सबसे पहले खट्टी चीजों को लेना बंद कर दें। खट्टी चीज एक बूंद भी नहीं लेनी। इसमें टमाटर और नींबू तो भूलकर भी नहीं लेना है। खीरा, लौकी, आचार तो देना ही नहीं है। लौकी के अलावा सभी सब्जियां खाए जा सकते हैं। खट्टे फल अनानास और मौसमी का सेवन भी न करें। साथ ही पनीर और दाल भी न लें।
इस बीमारी में सबसे कारगर इलाज है योग करना और इसके लिए वृक्षासन, कपोतासन, अर्ध उत्तानासन, सूक्ष्म व्यायाम, मंडूकासन, शशकासन, उष्ट्रासन, भुजंगासन, ताड़ासन और यौगिक जॉगिंग आदि कुछ दिन नियमित रूप से करना चाहिए। इससे बीमारी से जल्द निजात मिलती है और यूरिक एसिड का लेवल भी ठीक होता है।
इसके अलावा तैराकी जैसे व्यायाम और एक्सरसाइज भी काफी कारगर होती है। जिन्हें इस बीमारी की शिकायत है, उन्हें ज्यादा नमक वाला खाना खाने से बचना चाहिए। झींगा, डिब्बाबंद सूप, पिज्जा,चीज़, प्रोसेस्ड मीट और कई अन्य प्रोसेस्ड फूड में नमक बहुत ज्यादा पाया जाता है।