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डायबिटीज कंट्रोल करने के साथ ही कई किलो वजन कम कर सकता चावल का ये सब्सीट्यूट, एक्सपर्ट से बताया इस तरह राइस क्रेविंग को करता है कंट्रोल

आयुर्वेदिक और यूनानी मेडिसिन एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी के मुताबिक डायबिटीज के मरीज चावल की जगह किनोवा का सेवन करें शुगर कंट्रोल रहेगी।

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डायबिटीज के साथ मोटापा भी है तो चावल से परहेज करें और किनोवा का सेवन करें। photo-freepik

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसके लिए खराब डाइट,बिगड़ता लाइफस्टाइल,तनाव और मोटापा जिम्मेदार है। डायबिटीज को अगर कंट्रोल नहीं किया जाए तो इस बीमारी के कई जोखिम हो सकते हैं। ब्लड शुगर बढ़ने से दिल से लेकर किडनी की बीमारी तक का खतरा हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए जरूरी है कि वो डाइट में ऐसे फूड्स का सेवन करें जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में असरदार साबित होते हैं।

डायबिटीज के मरीज डाइट में कितना भी कंट्रोल कर लें लेकिन खाने में चावल से परहेज नहीं कर पाते हैं। चावल हमारी थाली का अहम हिस्सा है लेकिन शुगर के मरीजों के लिए इसका सेवन बेहद नुकसानदायक होता है। चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है जो ब्लड शुगर को बढ़ाने में असरदार है। चावल का सेवन करने से मोटापा और कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ता है।

आयुर्वेदिक और यूनानी मेडिसिन एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी के मुताबिक डायबिटीज के मरीज अगर चावल खाने के शौकीन हैं तो वो चावल की जगह किनोवा का सेवन कर सकते हैं। किनोवा एक ऐसा फूड है जो चावल का बेहतरीन सब्सीट्यूट है। इसका सेवन करने से मोटापा, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है। फाइबर से भरपूर किनोवा का सेवन करने से डायबिटीज के मरीज चावल की क्रेविंग को कंट्रोल कर सकते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि किनोवा क्या है और ये कैसे ब्लड शुगर कंट्रोल करने के साथ ही मोटापा पर भी लगाम लगाता है।

डायबिटीज कंट्रोल करने में किनोवा चावल का बेहतर सब्सीट्यूट क्यों है?

किनोवा पोषक तत्वों का ख़ज़ाना है। इस अनाज में आयरन, प्रोटीन चावल की तुलना में दोगुना और फाइबर से भरपूर होता है। किनोवा एक रबी फसल है जो शरद ऋतु में उगाई जाती है। किनोवा को कूटू, चौलाई की तरह ही कूट अनाज की श्रेणी में रखा जाता है। विटामिन और मिनरल्स से भरपूर ये अनाज डायबिटीज को कंट्रोल करने में वरदान हैं।

क्विनोआ में डाइटरी फाइबर बाकी अनाज की तुलना में अधिक होता है इसलिए ये डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहतरीन आप्शन है। फाइबर और प्रोटीन से भरपूर क्विनोआ ब्लड शुगर कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है। किनोवा में चावल की तुलना में प्रोटीन लगभग दोगुना, मक्का की तुलना में फाइबर दोगुना होता है। किनोवा के दाने में सैपोनिन नामक एंटीन्यूट्रीशनल फैक्टर पाया जाता है जो सेहत के लिए उपयोगी है।

डायबिटीज के मरीज अगर चावल खाने के शौकीन हैं तो इस फूड को चावल की जगह खाएं। देखने में हूबहू ये चावल की तरह दिखता है और चावल खाने की क्रेविंग को कंट्रोल करता है। डायबिटीज के मरीज चावल की जगह इसका सेवन कर सकते हैं।

किनोवा का सेवन वजन को कंट्रोल करने में भी है असरदार:

अक्सर डायबिटीज की बीमारी उन्हीं लोगों को होती है जिनका मोटापा ज्यादा होता है। किनोवा एक ऐसा फूड है जो मोटापा को कंट्रोल करने में भी असरदार है। क्विनोआ के बीज में आठ जरूरी अमीनो एसिड, विटामिन, मैग्नीशियम, कैल्शियम मौजूद होते हैं। क्विनोआ में बहुत सारा आयरन और विटामिन बी12 भी होता है। आयरन और विटामिन बी12 दोनों एनर्जी को बढ़ाने और वजन को कम करने में जिम्मेदार है। डायबिटीज के मरीज जिनका मोटापा ज्यादा है वो किनोवा का सेवन करें चावल खाने की क्रेविंग कंट्रोल रहेगी और मोटापा भी कम होगा।

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First published on: 24-03-2023 at 11:59 IST