प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जनवरी 2022, शुक्रवार को घोषणा की कि स्वतंत्रता आंदोलन में सुभाष चंद्र बोस के योगदान का सम्मान करने के लिए इंडिया गेट पर नेताजी जी की एक प्रतिमा स्थापित की जाएगी। जब तक स्थापना पूरी नहीं हो जाती, प्रतिमा स्थल पर नेताजी का होलोग्राम लगाया जाएगा।
23 जनवरी, 1897 को अविभाजित भारत के एक महान नायक, देशभक्त और एक निस्वार्थ नेता का जन्म हुआ था, जो लोकप्रिय रूप से नेताजी के नाम से जाने जाते हैं और उनका पूरा नाम सुभाष चंद्र बोस है। नेताजी की देशभक्ति की भावनाओं को इस उद्धरण से समझा जा सकता है, ‘तुम मुझे अपना खून दो और मैं तुम्हें आजादी दूंगा!’
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “ऐसे समय में जब पूरा देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ग्रेनाइट से बनी उनकी भव्य प्रतिमा इंडिया गेट पर लगाई जाएगी।” “यह उनके प्रति भारत के ऋणी होने का प्रतीक होगा।”
अमर जवान ज्योति का विलय: प्रतिमा भव्य छत्र के नीचे स्थापित की जाएगी जिसके पास अमर जवान ज्योति भारत के शहीदों की याद में टिमटिमाती है। 50 साल से जल रही शाश्वत लौ शुक्रवार को बुझा दी गयी, क्योंकि अमर जवान ज्योति पर जलने वाली लौ को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में विलय कर दिया गया है।
सर एडविन लुटियन ने बनवाया था छत्र: आपको ये जानकार हैरानी होगी कि जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगाई जानी है, वहां पहले भी किसी की तस्वीर लगी थी। दरअसल जिस छत्र के नीचे मूर्ति लगाई जानी है उसे 1930 के दशक में सर एडविन लुटियन द्वारा भव्य स्मारक के साथ बनाया गया था। फिलहाल खाली पड़ी इस छत्र के नीचे इंग्लैंड के पूर्व राजा जॉर्ज पंचम की एक मूर्ति रखी गई थी।
1960 के दशक तक थी मूर्ति: वर्ष 1968 में ब्रिटिश राज के समय की अन्य मूर्तियों के साथ इस प्रतिमा को भी मध्य दिल्ली में कोरोनेशन पार्क में स्थानांतरित कर दिया गया था। 1960 के दशक जार्ज पंचम की मूर्ति लगी हुई थी, फ़िलहाल अब प्रतीक के रूप में केवल एक छत्र भर रह गई है, जहां अब नेताजी की प्रतिमा लगाई जाएगी। बता दें कि कोरोनेशन पार्क दिल्ली में निरंकारी सरोवर के पास बुरारी रोड़ पर है।
कौन थे जॉर्ज पंचम: ब्रिटिश भारत में 1910 से 1936 तक जॉर्ज पंचम यहां के शासक थे, इसके अलावा वह यूनाइटेड किंगडम के किंग भी थे। 1910 में जॉर्ज के पिता महाराज एडवर्ड सप्तम की मृत्यु होने पर वे महाराजा बने और पहले ऐसे सम्राट बने जो अपनी भारतीय प्रजा के सामने प्रस्तुत होते थे। बता दें कि प्लेग और अन्य बीमारियों की वजह से जॉर्ज की मृत्यु हो गयी थी। जॉर्ज के आदर और सम्मान के कारण ही उनकी मूर्ति यहां लगाई गई थी।