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इन 5 कारणों से बच्चों की आंखे हो सकती हैं लाल, घरेलू उपायों से करें ठीक

कई बार बच्चों के खेलने और सोने के दौरान भी कोई कीड़ा काट दे तो, इससे भी उनकी आंखे लाल हो सकती है। इसके गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं।

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प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo – Freepik)

बच्चों की त्वचा बहुत ही मुलायम और सेंसटिव होती है। इसके अलावा उनकी आंखे तो बेहद ही नाजुक होती है। बच्‍चों और शिशुओं की इम्‍यूनिटी बहुत कमजोर होती है इसलिए उनमें कंजक्‍टिवाइटिस यानि पिंक आई का खतरा ज्‍यादा रहता है। शिशुओं और छोटे बच्चों में आंखों के संक्रमण होना काफी आम है। ऐसे में उनका खास ख्याल रखना होता है।

बच्चों की आंखें लाल होने के कारण इसमें ड्राईनेस, खुजली और पानी आने लगता है। जिसके वजह से पैरेंट्स परेशान हो उठते हैं। आंखों के संक्रमणों का तुरंत उपचार करवाना जरुरी है। हालांकि, कुछ इनफेक्शन घरेलू नुस्खों से भी ठीक हो जाते हैं, वहीं कुछ में दवाओं और अतिरिक्त देखभाल की जरुरत होती है। आंख में इनफेक्शन होने के शुरुआती संकेतों में शामिल हैं आंख पर दाना होना, अत्याधिक पानी आना या आंख लाल, चिपचिपी या सूजी हुई दिखना आदि।

एलर्जी: आंखें लाल होने का सबसे प्रमुख कारण एलर्जी है। कई बार इसकी वजह से भी बच्चों की आंखें लाल हो जाती है। एलर्जी का कारण धूल कण, किसी प्रोडक्ट का इस्तेमाल आदि हो सकते हैं। एलर्जी के कारण भी आंखों से पानी भी निकल सकता है। इसके लिए आपको अपने चिकित्सक से संपर्क करने की जरूरत है।

बिलनी (स्टाई): बिलनी (स्टाई) को मेडिकल टर्म में होर्डियोलम कहा जाता है। हिंदी में इसे अंजनहारी और गुहेरी नाम से भी जाना जाता है। यह पलक पर या पलक के अंदर की तरफ छोटा, लाल या पीला दाना होता है और इसमें दर्द भी होता है। बिलनी आमतौर पर पलक के बालों की जड़ या पलक की ग्रंथि के जीवाणु (बैक्टीरिया) से संक्रमित होने की वजह से होती है। सूजन कम करने और बिलनी को ठीक करने के लिए शिशु की आंख पर हल्की गर्म सिकाई करें।

ब्लेफराइटिस: ब्लेफराइटिस बच्चों की तुलना में वयस्क लोगों में अधिक आम है। ब्लेफराइटिस तब होता है जब पलकों के किनारे लाल हो जाएं और इनमें सूजन आ जाए। यह पलक में बैक्टीरियल इनफेक्शन की वजह से हो सकता है। सामान्यतः इसकी वजह से बच्चे की पलकें एक-दूसरे से चिपक जाती हैं। पलकों के बालों की जड़ों में पपड़ी भी जम सकती है। आंखों पर हल्की गर्म सिकाई के लिए आप हल्के गर्म पानी में एक रुमाल को डुबोएं और बच्चे की आंख पर 10 मिनट तक रखें। बच्चे की पलकों पर धीरे-धीरे गोलाई में मालिश करें। रुमाल ठंडा होने पर इसे बदल लें।

बच्चों की आंखें लाल हो रही है तो इसके लिए आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आप इन घरेलू उपायों को अपनाने के अलावा अगर बच्चे की आंखों का लालिमा कम नहीं हो रही है तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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First published on: 17-12-2021 at 14:46 IST
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