Lalu Prasad Yadav Daughter Rohini Acharya: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव किडनी ट्रांसप्लांट के बाद आराम कर रहे हैं। उनकी बेटी रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) ने उन्हें अपनी एक किडनी दी है। लालू का किडनी ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन सोमवार (05 दिसंबर 2022) को सिंगापुर में सफलतापूर्वक किया गया। ऑपरेशन सफल रहा है और पिता लालू को किडनी डोनेट करने के रोहिणी के फैसले की हर तरफ तारीफ हो रही है।
सोशल मीडिया पर ही नहीं चारों तरफ लोग रोहिणी की तारीफ कर रहे हैं और पिता के प्रति बेटी के लगाव की सराहना भी कर रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि लालू यादव के उत्तम स्वास्थ्य के लिए रोहिणी रोजा भी रख चुकी हैं? इसके साथ ही यादव परिवार की दूसरी बेटी रोहिणी का सरनेम आचार्य क्यों है? आइए आपको बताते हैं-
कहा जाता है कि मुस्लिम समुदाय द्वारा पवित्र माने जाने वाले रमजान के महीने में जो भी दिल से मांगता है, वह जरूर पूरा होता है। साल 2021 में जब कोरोना की दूसरी लहर चल रही थी तो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya Surname) ने अपने पिता के स्वास्थ्य में सुधार और उन्हें जेल से रिहा करने के लिए रोजा रखने का फैसला किया था। इस बात की जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट कर दी थी।
पिता लालू के दुआ सलामती के लिए रोहिणी ने रखा था रोजा
चारा घोटाला मामले में आरोपी लालू यादव (Lalu Prasad Yadav Health) की तबीयत उन दिनों ज्यादा खराब थी और डॉक्टरों की सलाह पर दिल्ली के एम्स में उनका इलाज चल रहा था। कोरोना कहर के बीच 12 अप्रैल 2021 को बेटी रोहिणी (Rohini Acharya Tweets) ट्वीट कर लिखा था, “कल से रमज़ान का पाक महीना शुरू हो रहा है! इस साल हमने भी फैसला किया है कि पूरे महीने अपने पापा के सेहतयाबी और सलामती के लिए रोज़े रखूंगी! पापा की हालत में सुधार हो और जल्दी न्याय मिल सके इसकी भी दुआ करूंगी! साथ ही मुल्क में अमन चैन हो इसलिए ईश्वर / अल्लाह से कामना करूंगी।”
पिता को किडनी देने से पहले किया था भावुक पोस्ट
पिता को किडनी देने से पहले रोहिणी ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा था, “मेरा तो मानना है की ये तो बस एक छोटा सा मांस का टुकड़ा है जो मैं अपने पापा के लिए देना चाहती हूं। पापा के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूं। आप सब दुआ कीजिए की सब बेहतर तरीके से हो जाये और पापा फिर से आप सभी लोगों की आवाज़ बुलंद करें।”
कैसे पड़ा रोहिणी नाम ?
अपनी हाजिरजवाबी और लोगों का दिल जीतने में हुनरमंद कहलाने वाले लालू प्रसाद यादव ने अपनी दूसरी बेटी का नाम फौरन सोच लिया था। 80 के दशक में जब राजद सुप्रीमो की दूसरी बेटी का जन्म हुआ तो उन्होंने नाम सोचने में तनिक भी देर नहीं लगाई, चूंकि बेटी का जन्म ‘रोहिणी नक्षत्र’ में हुआ था इसलिए उन्होंने बिना देर किये अपनी बेटी का नाम रोहिणी रख दिया।
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रोहिणी आचार्य क्यों नहीं लगाती यादव सरनेम?
43 साल की रोहिणी का जन्म 1 जून 1979 को पटना में हुआ था। कई बार लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि शायद रोहिणी शादी के बाद ‘रोहिणी आचार्य’ बन गई होंगी। लेकिन ऐसा नहीं है, दरअसल पढ़ाई के दौरान उनका नाम रोहिणी आचार्य रखा गया था। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, रोहिणी ने मेडिकल क्षेत्र को करियर के रूप में चुना।
1979 में डॉक्टर कमला आचार्य (Dr. Kamla Acharya) जो की पटना की मशहूर डॉक्टर थीं। रोहिणी का जन्म ऑपरेशन से हुआ था और जब ऑपरेशन सफल रहा तो फीस देने के बात उठी। राजद सुप्रीमो ने कहा कि आपका फीस कितना हुआ? फीस ले लीजिए। इसके बाद डॉक्टर आचार्य इस बात पर अड़ गईं कि आपसे मुझे फीस लेना ही नहीं है। चूंकि स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कमला आचार्य लालू यादव को बहुत मानती थीं। इसके बाद लालू भी अड़ गए कि आपको फीस लेनी ही पड़ेगी। इसपर डॉक्टर कमला ने एक रास्ता निकाला और कहा, “यदि आप कुछ देना ही चाहते हैं तो इस बेटी को मेरा सरनेम दे दीजिए, यदि मेरी फीस और मेरा सौभाग्य होगा।”
एमबीबीएस की डिग्री लेने के बाद नहीं की डॉक्टरी
रोहिणी (Rohini Acharya Marriage) की शादी लालू प्रसाद के कॉलेज के दिनों के मित्र राव रणविजय सिंह के बेटे समशेर सिंह से हुई है। रणविजय सिंह का कोई राजनीतिक बैकग्राउन्ड नहीं है। राव ने यूपीएससी की परीक्षा पास की थी और आयकर विभाग में अधिकारी थे। हालांकि अब उनका निधन हो चुका है। रोहिणी के सास प्रोफेसर रही हैं और पति सिंगापुर से एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद ही उनको वहीं नौकरी भी मिल गई थी। रोहिणी ने एमबीबीएस (Rohini Yadav MBBS) की पढ़ाई के दौरान ही शादी कर ली थी। रोहिणी ने शादी के बाद अपनी पढ़ाई पूरी की और उसके बाद से ही पति के साथ सिंगापुर में रह रही हैं। रोहिणी और समरेश सिंह की एक बेटी और दो बेटे हैं।