किस्सा 90 के दशक का है। यह वो दौर था जब महाराष्ट्र, खासकर मुंबई में बाला साहब ठाकरे का सिक्का चलता था। सियासत के साथ-साथ सिनेमा में भी ठाकरे परिवार का भरपूर दखल था। इसी दौर का एक और चर्चित किस्सा है। यह किस्सा बाल ठाकरे के भतीजे राज ठाकरे और एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे की मोहब्बत का है। उन दिनों राज ठाकरे और सोनाली बेंद्रे के अफेयर की चर्चा फिल्म से लेकर सियासत के गलियारों तक थी। दोनों एक-दूसरे को बेपनाह मोहब्बत करते थे और शादी भी करना चाहते थे। लेकिन राज ठाकरे जब सोनाली बेंद्रे की मोहब्बत में पड़े तब वह शादीशुदा थे। मामला यहीं फंस गया।
बाल ठाकरे ने साफ मना कर दिया: राज ठाकरे और सोनाली बेंद्रे के अफेयर और शादी करने की चर्चा जब बाल ठाकरे तक पहुंची तो वे अड़ गए। उन्होंने राज ठाकरे को दो टूक कहा कि अगर शादीशुदा होते हुए भी वह सोनाली बेंद्रे से दूसरी शादी करते हैं तो इससे पार्टी और परिवार की छवि खराब होगी। भविष्य के लिए यह कतई ठीक नहीं है।
राज ठाकरे ने ताऊ बाल ठाकरे की बात मान ली और शादी के फैसले से पीछे हट गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके बाद भी लंबे वक्त तक राज ठाकरे और सोनाली बेंद्रे का अफेयर चलता रहा।
राजनीति पर मोहब्बत कुर्बान की थी: बाल ठाकरे की बात मानने के पीछे एक वजह यह भी थी कि राज ठाकरे को लगता था कि उनके बाद पार्टी की कमान उन्हें ही मिलेगी। ऐसे में उन्होंने उस वक्त ताऊ बाल ठाकरे के खिलाफ जाना ठीक नहीं समझा और मोहब्बत के बदले राजनीति चुनी। हालांकि बाद में शिवसेना की कमान उद्धव ठाकरे को मिली और राज ठाकरे ने अपनी नई राह चुनी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नाम से नई पार्टी बनाई।
इसलिए बदल लिया नाम: राज ठाकरे के पिता श्रीकांत ठाकरे एक म्यूजिक डायरेक्टर थे इसलिए उन्होंने उनका नाम स्वरराज ठाकरे रखा था। वहीं, उन्होंने अपने बेटी यानि कि राज ठाकरे की बहन का नाम जयवंती रखा। बता दें कि स्वरराज का मतलब स्वरों का राजा होता है। हालांकि, राज ठाकरे को संगीत से ज्यादा चाचा बाल ठाकरे की ही तरह कार्टून बनाने में रुचि थी। वो अपने परिवार की साप्ताहिक पत्रिका ‘मार्मिक’ के लिए कार्टून बनाते थे। स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही एक बार बाल ठाकरे ने उनसे कहा कि कार्टूनिस्ट बनने से पहले उन्होंने अपना नाम बाला साहब ठाकरे से बाल ठाकरे कर लिया था। ठीक वैसे ही तुम राज ठाकरे नाम से अपना करियर शुरू कर सकते हो।