जब महेंद्र सिंह टिकैत को गिरफ्तारी करने पहुंची पुलिस, किसानों ने कर दी थी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से नाकेबंदी; छूट गए थे पसीने
महेंद्र सिंह टिकैत को गिरफ्तार करने उनके गांव सिसौली पहुंची तो गिरफ्तारी की खबर सुनकर किसान भड़क गए। आसपास के गांवों से हजारों किसानों ने सिसौली पहुंचकर महेंद्र सिंह टिकैत को अपने घेरे में ले लिया था।

नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों के किसान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमा पर डटे हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कानून के अमल पर अस्थाई तौर पर रोक लगा दी है, इसके बावजूद किसान कानून की वापसी की मांग पर अड़े हैं। किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन ये बेनतीजा रही है। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत किसान आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक हैं।
राकेश टिकैत के पिता चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने भी लंबे समय तक किसानों की लड़ाई लड़ी। भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत किसानों के बड़े नेता रहे। उनकी एक आवाज पर हजारों किसान एकजुट हो जाते थे। उन्हें किसानों के मसीहा का दर्जा भी दिया गया। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के मौजूदा आंदोलन के बहाने चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के संघर्ष का भी जिक्र किया जा रहा है।
मेरठ कमिश्नरी को घेर लिया था: साल 1988 में चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में हजारों किसानों ने गन्ना मूल्य में वृद्धि सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर मेरठ कमिश्नरी पर ऐतिहासिक धरना दिया था। जनवरी-फरवरी की कड़कड़ाती ठंड में किसान कमिश्नरी पर डट गए थे। जैसे-जैसे धरने की खबर आस-पड़ोस के जिलों के दूसरे किसानों को मिलती गई, कमिश्नरी पर भीड़ बढ़ती चली गई। मेरठ की सड़कों पर हजारों की तादाद में किसानों ने डेरा डाल दिया था। इस धरने से टिकैत को देश-दुनिया में लोग जानने लगे थे।
लोग भेजते थे राशन-खाना: महेंद्र सिंह टिकैत के इस आंदोलन में मेरठ आए हजारों किसानों ने गज़ब की एकता और अनुशासन का परिचय दिया था। कई दिनों तक चला यह धरना पूरी तरह अहिंसक रहा था। आसपास के गांवों से धरने के लिए रोटियां, सब्जी, छाछ, गुड़ और दूध हर रोज मेरठ आता था।
मायावती सरकार से भी हो गया था टकराव: उत्तर प्रदेश में बसपा के शासनकाल के दौरान साल 2008 में बिजनौर में किसानों को संबोधित करते हुए महेंद्र सिंह टिकैत ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती पर निशाना साधा था और टिप्पणी की थी। तब इस मामले ने तूल पकड़ लिया और टिकैत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
चूंकि मामला मुख्यमंत्री से जुड़ा था, इसलिये पुलिस भी दबाव में थी। जब पुलिस महेंद्र सिंह टिकैत को गिरफ्तार करने उनके गांव सिसौली पहुंची तो गिरफ्तारी की खबर सुनकर किसान भड़क गए। आसपास के गांवों से हजारों किसानों ने सिसौली पहुंचकर महेंद्र सिंह टिकैत को अपने घेरे में ले लिया था। इतना ही नहीं, किसानों ने रास्ते में ट्रैक्टर-ट्रॉली और बुग्गियों से नाकेबंदी भी कर दी थी। किसानों का यह रौद्र रूप देखकर अधिकारियों के पसीने छूट गए थे।