कोरोना वायरस (Covid-19) का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन दुनियाभर में तेज गति से फैल रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ओमिक्रॉन के लक्षण डेल्टा की तुलना में हल्के होते हैं, बावजूद इसके बढ़ते मामलों ने लोगों के मन में डर और दहशत फैला दी है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस गेब्रेयेसस के मुताबिक ओमिक्रॉन डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कम गंभीर जरूर है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि इसे हल्के में लेना चाहिए। अभी भले अभी यह लग रहा है कि वैक्सीन भी ओमिक्रॉन के लिए बेअसर है, इसके बावजूद हमें वैक्सीन जरूर लगानी चाहिए।
कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर सरकार ने कहा है कि देश का आर नॉट, जो संक्रमण के प्रसार को दर्शाता है वह 2.69 है। यह महामारी की दूसरी लहर के दौरान दर्ज किए गए 1.69 से ज्यादा है। इसलिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा है कि शहरों में कोविड मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। आइये जानते हैं कि ओमीक्रॉन के लक्षण कितने दिनों में दिखते हैं और इसका असर कब तक रहता है। इसके साथ ही जानेंगे कि इससे बचाव के क्या तरीके हैं-
ऐसे दिखता है ओमिक्रॉन के लक्षण: डब्ल्यूएचओ के मुताबिक ओमिक्रॉन वेरिएंट की पहचान अभी मरीज के जीनोम सीक्वेंसिंग से हो रही है। ओमिक्रॉन के टेस्ट के लिए कुछ किट भी आ गई हैं। वहीं डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस गेब्रेयेसस के मुताबिक ओमिक्रोन वेरिएंट बेहद खतरनाक है, इसके लक्षण 3 से 5 दिनों में दिखने लगते हैं। पहले के वेरिएंट से संक्रमित व्यक्ति में इसके लक्षण 2 दिनों से लेकर दो सप्ताह तक में दिखते हैं। जबकि ब्रिटेन की हेल्थ एजेंसी ने भी कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट बहुत कम समय में अपनी चपेट में ले रहा है।
कितने दिनों तक रहते हैं लक्षण: अन्य कोविड-19 स्ट्रेन की तुलना में ओमिक्रॉन के लक्षण कुछ दिनों के अंदर स्पष्ट हो जाते हैं। दक्षिण अफ्रीकी मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. कोएत्जी के मुताबिक ओमिक्रॉन से संक्रमित लोगों में डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले इसके लक्षण बहुत हल्के होते हैं। इससे संक्रमित होने पर मरीजों को अक्सर मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और थोड़ी थकान का अनुभव होता है। उनके मुताबिक इससे ज्यादा फिलहाल कोई अन्य अनुभव नहीं पाए गए हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि ओमीक्रॉन के लक्षण लगभग पांच दिनों के बाद खत्म हो जाते हैं।
ऐसे करें बचाव: WHO का कहना है कि बिना मास्क के घर से बाहर ने निकले, सामाजिक दूरी का पालन करें। अपने हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखें और कोविड का टीकाकरण पूरा करा लें। विशेषज्ञों के अनुसार कम इम्युनिटी होने पर संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में इम्युनिटी को मजबूत बनाए रखना बेहद जरुरी है। खुद को संक्रमण से बचाने के लिए और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए सर्दियों में काढ़ा (गिलोय, तुलसी, कश्मीरी कहवा) जरूर पीना चाहिए। इसके अलावा फल और सब्जियों में कॉपर, बीटा-कैरोटीन, विटामिन ए, सी, और ई जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद करता है।