अर्नब अब पहले की तरह उद्धव ठाकरे और मुंबई पुलिस कमिश्नर को ललकारते हैं या नहीं?- रवीश कुमार ने मारा ताना
अर्नब गोस्वामी की कथित लीक चैट पर राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र करते हुए रवीश कुमार ने कहा कि, 'राहुल गांधी ने अर्नब गोस्वामी को मिस्टर अर्नब गोस्वामी कहा

रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की कथित लीक व्हाट्सएप चैट पर सियासी घमासान मच गया है। इन चैट में कथित तौर पर पुलवामा और बालाकोट हमले का भी जिक्र है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले को उठाया और कहा कि इस तरह के संवेदनशील मामलों की जानकारी सिर्फ प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, एनएसए और वायु सेना प्रमुख को होती है, ऐसे में आखिर अर्नब गोस्वामी तक यह जानकारी कैसे पहुंची और किसने दी? यह बेहद गंभीर मसला है। उन्होंने सरकार से इस मामले पर जवाब देने की मांग की है।
एनडीटीवी के एग्जीक्यूटिव एडिटर और वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने अपने शो ‘प्राइम टाइम’ में भी इस मामले को उठाया और कहा कि इस कथित चैट पर सरकार को अब तक स्पष्टीकरण दे देना चाहिए था, एनआईए को संज्ञान लेना चाहिए था। 16 जनवरी से यह खबर सोशल मीडिया में वायरल है। यह चिंता से आगे की बात है, राष्ट्रीय सुरक्षा की गंभीर योजना में टीवी चैनल को शामिल किया गया। इससे करोड़ों लोगों के विवेक पर हमला किया गया और चैनल ने करोड़ों रुपए कमाने का जुगाड़ किया।
अर्नब गोस्वामी की कथित लीक चैट पर राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र करते हुए रवीश कुमार ने कहा कि, ‘राहुल गांधी ने अर्नब गोस्वामी को मिस्टर अर्नब गोस्वामी कहा। अर्नब गोस्वामी अपने शो में राहुल गांधी का नाम कैसे लेते हैं, आपको पता होगा और बहुतों को यह अच्छा भी लगता होगा। अर्नब इसी तरह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का नाम लिया करते थे। मुंबई पुलिस के कमिश्नर को किस तरह नाम लेकर अपने शो में बुलाते थे, उस पर अब आप गौर नहीं करना चाहेंगे, लेकिन बहुतों को अच्छा लगता था।
रवीश ने अर्नब गोस्वामी पर तंज कसते हुए पूछा, “वैसे पता नहीं अर्नब गोस्वामी अब उद्धव ठाकरे और मुंबई पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह को पहले की तरह नाम लेकर ललकारते हैं या नहीं?”।
वे आगे कहते हैं कि इस व्हाट्सएप चैट में जो बातचीत हो रही है वह महज संयोग नहीं लगती है। 3 दिन बाद हमला होता है और 3 दिन पहले उन्हें पता होता है, कश्मीर के बारे में। इन सब मामलों की गंभीरता से जांच की जरूरत है।