पूर्व आईपीएस अधिकारी विजय शंकर सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री को लेकर तंज कसा है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘आईआईटी बॉम्बे ने अपने पूर्व छात्र पराग अग्रवाल को CEO बनने पर बधाई दी। इमरान खान को पाक PM बनने पर ब्रैडफोर्ड विश्वविद्यालय ने बधाई दी थी। दिल्ली विश्वविद्यालय ही एकमात्र ऐसी यूनिवर्सिटी है जो, अपने पूर्व छात्र के भारत के प्रधानमंत्री होने के सभी सबूत छुपा रही है। या तो वे सच जानते हैं, या शर्मिंदा हैं।’
पूर्व आईपीएस के इस ट्वीट के बाद लोगों ने भी तंज कसना शुरू कर दिया। डॉ. विष्णु राजगढ़िया लिखते हैं, ‘अहमदाबाद विश्वविद्यालय ने भी एमए इन एंटायर पॉलिटिकल साइंस के पूर्व छात्र को बधाई नहीं दी।’ मुकेश नाम के एक शख्स ने ट्वीट का उत्तर देते हुए लिखा कि वैसे पूर्व छात्रों का सम्मेलन भी होता है, उसकी फोटो ही दिखा दें।
वहीं, विजय निगम नाम के यूजर ने लिखा, ‘बहुत सही… क्या पता कुछ की नौकरी ही न चली जाय और कुछ जेल।’ देबाशीष चटर्जी ने पीएम का समर्थन करते हुए लिखा, ‘वे हैट्रिक बनाने वाले हैं…’। इका जवाब देते हुए पूर्व आईपीएस ने लिखा, ‘इससे फर्जीवाड़े का अपराध नही खत्म हो जाता है’।
केजरीवाल ने उठाया था मुद्दा: गौरतलब है कि वर्ष 2016 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उनकी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर कई प्रश्न-चिन्ह लगाए थे। जिसके बाद बीजेपी की ओर प्रेस कॉफ्रेस कर पीएम मोदी की ग्रेजुएशन की डिग्री सार्वजनिक की गयी थी। तब तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री को सार्वजनिक करते हुए दावा किया था कि पीएम मोदी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बैचलर्स ऑफ आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया है।
गुजरात विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति एमएन पटेल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि मोदी ने राजनीति विज्ञान में ग़ैर-संस्थागत छात्र के तौर पर एमए में 63.3 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। पहले वर्ष में उन्होंने 800 में से कुल 499 अंक हासिल किए थे। जबकि दूसरे वर्ष में उन्हें 400 में से 262 अंक मिले थे।’
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