How to control Uric Acid natural: आज के दौर में लोग सेहतमंद रहने के लिए खान-पान पर खास ध्यान देने को मजबूर हैं। खाने-पीने में हम जो गलतियां करते हैं, उससे कई बीमारियां होती हैं। ऐसी ही एक समस्या है यूरिक एसिड का स्तर बढ़ना। यह खाने के विकार के कारण उत्पन्न हो सकता है। जो लोग मांसाहारी खाना पसंद करते हैं वे खासतौर पर हाई यूरिक एसिड से पीड़ित होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यूरिक एसिड का स्तर हद से ज्यादा हो जाए तो इससे किडनी फेल होने जैसी जटिलताएं हो सकती हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली (AIIMS) के रुमोटोलॉजी विभाग (Rheumatology Department) के पूर्व वरिष्ठ रुमेटोलॉजिस्ट डॉक्टर लक्ष्मण मीणा ने जनसत्ता डॉट कॉम से बातचीत करते हुए बताया कि यूरिक एसिड के मरीजों को अपने खानपान के प्रति बेहद ही सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
क्या नॉनवेज खाने से यूरिक एसिड बढ़ता है?
आपने अक्सर सुना होगा कि अधिक मांसाहारी भोजन खाने से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है। डॉक्टर मीणा के अनुसार अधिक मांसाहारी और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ खाने से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है। यह शरीर में अतिरिक्त यूरिक एसिड के मुख्य कारणों में से एक है। खासतौर पर रेड मीट खाने से यूरिक एसिड काफी बढ़ सकता है। इसके अलावा लीवर और किडनी जैसी समस्याएं होने पर भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है। पुरुषों में यूरिक एसिड का स्तर 4 से 6.5 mg/dl और महिलाओं में 3.5 से 6 mg/dl सामान्य माना जाता है। इससे ज्यादा होने पर शरीर में दिक्कतें शुरू हो सकती है।
क्या उच्च यूरिक एसिड गुर्दे की विफलता का कारण बन सकता है?
धर्मा किडनी केयर के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत धीरेंद्र के मुताबिक सही तरीके से किए गए उपचार के द्वारा यूरिक एसिड के स्तर को पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है। अगर कोई व्यक्ति किडनी और लीवर की बीमारी से पीड़ित है तो उसके शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना बहुत खतरनाक होता है। गंभीर मामलों में बढ़ा हुआ यूरिक एसिड गुर्दे की विफलता का कारण बन सकता है। ज्यादातर मामलों में इसे आसानी से नियंत्रित किया जाता है। यह भी ध्यान देने वाली बात है कि सही इलाज और अच्छी डाइट से यूरिक एसिड की समस्या को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है। अगर इसे जल्दी पकड़ लिया गया तो समस्या कभी खतरनाक स्तर तक नहीं पहुंच पाएगी।
हाई यूरिक एसिड के लक्षण क्या हैं?
जब यूरिक एसिड बहुत अधिक बनता है, तो यह आपके शरीर के जोड़ों में जमा हो जाता है। आपके हाथों और पैरों के छोटे जोड़ों में तेज दर्द। इसके चलते कई लोग चलने फिरने में भी असमर्थ हैं। इस स्थिति को गाउट कहा जाता है। यूरिक एसिड अधिक होने पर कई मरीजों में किडनी में पथरी हो जाती है, जिससे असहनीय दर्द होता है। यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण आमतौर पर स्पष्ट नहीं होते हैं। इसलिए समय-समय पर ब्लड टेस्ट कराते रहना चाहिए। इससे आप यूरिक एसिड के लेवल का पता लगा सकते हैं।
यूरिक एसिड को कैसे करें कंट्रोल?
डॉक्टर मीणा के मुताबिक यूरिक एसिड को प्राकृतिक तरीकों से भी नियंत्रित किया जा सकता है। ऐसा करने के लिए, आपको रेड मीट और मांसाहारी खाद्य पदार्थों से पूरी तरह से बचना होगा। हाई प्रोटीन फूड खाने से बचें। हाइड्रेटेड रहने के लिए खूब पानी पिएं। खान-पान और जीवनशैली में बदलाव कर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। व्यायाम और शारीरिक गतिविधि को यूरिक एसिड को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। हालांकि, अगर यूरिक एसिड प्राकृतिक घरेलू उपचारों से नियंत्रित नहीं होता है, तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से सलाह लें और उनकी सलाह पर दवाएं लें।