भारत दुनिया का दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है और जल्दी ही यह दुनिया का सबसे बड़ी आबादी वाला देश बनने की ओर है। भारत की जनता बाकी देशों के मुकाबले ज्यादा जवान हैं। इसमें 14 साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या 27.05 प्रतिशत है। कई मायनों में युवा आबादी हमारे लिए फायदेमंद हैं लेकिन यह तभी तक संभव है जब तक यह आबादी स्वस्थ्य रहे। वर्तमान में दुनिया में जिस तरह से खान-पान बदल रहा है और स्वाद के लिए लोग भोजन में जहर लेने लगे हैं, उससे इन बच्चों की हेल्थ पर सबसे बुरा असर पड़ रहा है।
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसीन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मोटापे से पीड़ित बच्चों की संख्या दुनिया में दूसरे नंबर पर है। यहां 1.44 करोड़ बच्चे जिनकी उम्र 14 साल से कम हैं, मोटे हैं। हालांकि इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन इसकी सबसे बड़ी वजह गलत खान-पान है।
बच्चों के मोटापे के कारण जब पैरेंट्स डॉक्टर के पास जाते हैं तो उसे परंपरागत खान पान के तरीके बताते हैं।
कुछ बच्चों को एक्सरसाइज की भी सलाह दी जाती है लेकिन इतनी कम उम्र में बच्चों के लिए एक्सरसाइज मुश्किल टास्क होता है। दूसरी ओर डाइट को एकदम कम कर देना भी अच्छी बात नहीं है, इससे बच्चा कुपोषित हो सकता है। बच्चों के मोटापे पर लगाम लगाने के लिए स्मार्ट तरीकों की जरूरत पड़ती है। आइए जानते हैं बच्चों की डाइट को कैसे स्मार्ट तरीके से कंट्रोल करें।
हेल्दी फूड का चयन करेंः आमतौर पर आज के बच्चे ज्यादा तले भूने और चीज से लबालब जंकफू़ड को खाना पसंद करते हैं। इन चीजों को बाय कर दें और घर का बना हुआ परंपरागत खाने पर धीरे-धीरे जोर दें। इसे शुरू करने का पहला स्मार्ट तरीका यह है कि बच्चे को टीवी या मोबाइल के सामने बैठकर खाना खिलाने से परहेज करें। आप बच्चे को फ्रूट और सलाद के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
वैरायटी ऑफ फूडः यदि बच्चा ज्यादा जिद्दी है और उन्हें जंक फूड खाने की आदत है तो पहले उसी तरह की चीजें घर में बनाएं। इसका मतलब यह नहीं कि पिज्जा बर्गर बनाए। घर में मौजूद चीजों को उसी तरह से बनाएं।
इसके लिए कई तरह की चीजों को बनाकर दें जैसे बीट, टोमैटे आदि का सूप, गाजर, संतरे आदि को काटकर कई चीजों के साथ मिलाकर दें। इसे पास्ता की तरह बनाकर भी दे सकते हैं। इसके अलावा गोभी आदि का सूप बनाकर गार्निश कर दें। कई तरह के फ्रूट को एक साथ मिलाकर दें।
शूगर के ट्रैप में फंसने से बचाएः ब्रेड, कैंन सूप, पास्ता साउस, अचार, फ्रोजन फूड, फास्ट फूड, केचप जैसी चीजों में शूगर छुपी होती है, इसके अलावा सॉफ्ट ड्रिंक यहां तक कि मिल्क सप्लीमेंट भी बच्चों को नुकसान कर सकता है, इन चीजों से परहेज करें। दूध सही फूड है लेकिन इसमें जब कई चीजों को मिला दिया जाता है तो यह नुकसान करता है।
दाल और साबुत अनाज खिलाएं: प्रोटीन से भरपूर दालें बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए जरूरी हैं। दालों में फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो भोजन के पाचन में भी मदद करता है। इससे बच्चे को कब्ज, अपच और गैस की परेशानी नहीं होगी। साबुत अनाज में आप ओट्स, दलिया, काला चना, बाजरा और रागी खिला सकते हैं।