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शुगर के मरीज़ फॉस्टिंग ब्लड शुगर 120 mg/dl से कम और खाने के बाद 200 mg/dl से ज्यादा नहीं करेंगे तो कभी नहीं होगा किडनी को खतरा,जानिए गुर्दे को बचाने के लिए किन बातों का रखें ध्यान

एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आपकी फॉस्टिंग से लेकर खाने के बाद की शुगर को कंट्रोल रहेगी तो किडनी की परेशानी होने के असार बेहद कम रहेंगे।

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एक्सपर्ट के मुताबिक डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए कई तरह की दवाईयों का सेवन नहीं करें बल्कि एक्सपर्ट के मुताबिक असरदार दवाई ही लें। photo-freepik

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन करना बंद कर देता है या कम कर देता है। इंसुलिन के प्रभावित होने से ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। ब्लड शुगर हाई होने पर बॉडी कई तरह के संकेत देना शुरू कर देती है। घाव का देर से भरना,यूरीन का अधिक डिस्चार्ज होना,आंखों से धुंधला दिखाई देना,बॉडी में कमजोरी होना लगातार ब्लड शुगर हाई होने के संकेत है।

ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए डायबिटीज के मरीज डाइट का ध्यान रखें,बॉडी को एक्टिव रखें। एक्टिव रखने से मतलब है लम्बे समय तक बिस्तर पर नहीं रहे या एक ही पॉजिशन में नहीं रहें। डायबिटीज के मरीजों के लिए सबसे बड़ा काम ब्लड शुगर को कंट्रोल करना है। ब्लड शुगर कंट्रोल करने से मतलब है फॉस्टिंग शुगर से लेकर खाने के बाद तक की शुगर कंट्रोल करने से है।

अपोलो अस्पताल नोएडा में सलाहकार मधुमेह थायराइड हार्मोन विशेषज्ञ डॉ.बी.के.रॉय के मुताबिक डायबिटीज के मरीज अगर लम्बे समय तक ब्लड शुगर कंट्रोल नहीं करें तो किडनी को खतरा पहुंच सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए जरूरी है कि वो फॉस्टिंग ब्लड शुगर 120 mg/dl से कम और खाने के बाद 200 mg/dl से कम रखें ताकि किडनी को खतरा नहीं पहुंचे। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि डायबिटीज के मरीज कैसे ब्लड शुगर को कंट्रोल करें कि किडनी को खतरा नहीं पहुंचे।

डायबिटीज के मरीज किडनी की हिफ़ाजत कैसे करें:

अक्सर डायबिटीज के मरीजों को डर रहता है कि ब्लड शुगर का असर उनकी किडनी को खराब कर सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आप फॉस्टिंग से लेकर खाने के बाद की शुगर को कंट्रोल करेंगे तो किडनी की परेशानी होने के असार बेहद कम रहेंगे। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आप फॉस्टिंग ब्लड शुगर 120 mg/dl से कम और खाने के बाद 180 और 200 mg/dl से कम रखेंगे तो किडनी को कभी खतरा नहीं रहेगा।

ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करें:

डायबिटीज के मरीज़ जिन्हें ब्लड शुगर के साथ ही ब्लड प्रेशर की भी बीमारी है वो अपने बीपी को कंट्रोल करें। बीपी को कंट्रोल करके आप आसानी से ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकते हैं। अगर शुगर के मरीजों का ऊपर का बीपी 135 और नीचे का 85 से नीचे रहेगा तो आप को किडनी खराब होने का खतरा बिल्कुल भी नहीं रहेगा।

डायबिटीज की असरदार दवाई का ही सेवन करें:

एक्सपर्ट के मुताबिक डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए कई तरह की दवाईयों का सेवन करते हैं। डायबिटीज की दवाई का सेवन अगर एक्सपर्ट की सलाह के मुताबिक असरदार दवाई से किया जाए तो किडनी को कभी नहीं खतरा होगा।

किडनी के लिए शुगर के मरीज प्रोटीन डाइट का कम सेवन करें:

अगर आप डायबिटीज के मरीज है और घर में किडनी की परेशानी की फैमिली हिस्ट्री है तो सतर्क रहें। ब्लड शुगर के मरीज डाइट में कम प्रोटीन का सेवन करें। ऐसा नहीं है कि बिल्कुल प्रोटीन नहीं लें। आप एक कटोरी दाल, सुबह में एक अंडा खा सकते हैं। डायबिटीज के मरीज प्रोटीन का सेवन सोच विचार कर करें तो किडनी को कभी खतरा नहीं होगा।

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First published on: 20-03-2023 at 10:48 IST
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