Human Papilloma Virus: ह्यूमन पैपिलोमा वायरस यानी एचपीवी एक बहुत ही खतरनाक वायरस है। यह वायरस शरीर में बहुत जल्दी पहुंचता है और उसके बाद शरीर में कोई खास लक्षण नहीं दिखता है। इसलिए इस वायरस के संक्रमण की पहचान करना बहुत मुश्किल है। यह वायरस शारीरिक संपर्क के माध्यम से फैलता है। कम से कम 80 प्रतिशत यौन सक्रिय महिलाएं और पुरुष अपने जीवनकाल में इस वायरस का सामना करेंगे।
इस बात की पुष्टि यूके पब्लिक हेल्थ सर्विस, एनएचएस और अमेरिक एसोशिएशन ऑफ सेक्सुअल हेल्थ करते हैं। इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि मानव वायरस के संक्रमण को कैसे रोका जाए। ह्यूमन पेपिलोमा वायरस शारीरिक संबंध बनाने के दौरान और ओरल S*X के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसके अलावा, अगर संभोग के दौरान कंडोम का उपयोग नहीं किया जाता है, तो भी यह वायरस फैल सकता है।
एचपीवी को कैसे रोकें
डॉक्टर HPV संक्रमण को रोकने के लिए कंडोम का उपयोग करने की सलाह देते हैं। यदि दोनों में से किसी भी साथी के निजी अंगों पर दाने हो जाते हैं, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और समस्या के ठीक होने तक से*स से बचना चाहिए। इसके अतिरिक्त धूम्रपान और शराब को छोड़ना या सीमित करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
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ऐसे करें बचाव
- अगर आप ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के संक्रमण से पीड़ित हैं, तो इसका कोई पक्का इलाज नहीं है। लेकिन, इस वायरस के लक्षणों के बारे में जानकर इस पर काबू पाया जा सकता है। एचपीवी से बचाव के लिए एक से अधिक लोगों के साथ यौन संबंध बनाने से बचें। ऐसा करने से इस वायरस से संक्रमित होने से बचना आसान हो जाता है।
- एचपीवी संक्रमण के बाद महिलाओं में भी सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा अधिक होता है। अगर गर्भाशय में कुछ असामान्य कोशिकाएं बन जाती हैं, तो इसका इलाज किया जा सकता है। साथ ही विशेषज्ञों की मानें तो महिलाओं को समय समय पर विशेषज्ञों की सलाह से कुछ टेस्ट कराने की जरूरत होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के ज्यादातर मामले एचपीवी की वजह से होते हैं।
- एचपीवी वायरस के संक्रमण से ज्यादा नुकसान नहीं होता है और समय के साथ इस वायरस का असर खत्म हो जाता है। साथ ही अगर जननांगों में ट्यूमर है तो उसका इलाज करके उसे ठीक करना संभव है।
- एचपीवी संक्रमण से शरीर में अन्य कैंसर विकसित होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इनमें गले का कैंसर और पुरुष जननांग कैंसर शामिल हैं। कई मामलों से पता चला है कि अगर इस वायरस के संक्रमण के लक्षणों को समय रहते नहीं समझा गया तो यह कैंसर का कारण बन सकता है। इस वायरस से बचाव के लिए युवा वयस्कों के लिए एक टीका उपलब्ध है।