बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) को छुट्टी लेनी होती है तो किससे बात करनी होती है? नड्डा ने एक इंटरव्यू में इस सवाल का जवाब दिया है। जेपी नड्डा (JP Nadda) ने कहा कि पहले तो छुट्टी बीमारी या बहुत अनिवार्य स्थिति में ही लेनी होती है। ऐसी स्थिति में भी यह सोचते हैं कि छुट्टी में भी पार्टी का क्या काम और कैसे किया जा सकता है। इस बारे में संसदीय बोर्ड (Parliamentary Board) से चर्चा करनी होती है। नड्डा ने समाचार चैनल आज तक के कार्यक्रम एजेंडा (Agenda Aajtak) में सुधीर चौधरी (Sudhir Chaudhary) के सवाल का जवाब देते हुए यह बताया।
जेपी नड्डा कहते हैं कि छुट्टी लेना मतलब या तो स्वास्थ्य खराब है या कोई और समस्या है, अन्यथा हम काम ही जुटे रहते हैं। उसी में आनंद लेते हैं। यही जीने का तरीका हो गया। हम सबने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से यही सीखा है। वह भी इसी तरीके से काम करते हैं।
क्या परिवार शिकायत नहीं करता?
जब जेपी नड्डा (JP Nadda) से पूछा गया कि परिवार कभी शिकायत नहीं करता कि वक्त नहीं देते, तो उन्होंने कहा कि परिवार से काफी सहयोग भी मिलता है और वह परिवार को क्वॉलिटी टाइम भी देते हैं। परिवार से सामंजस्य काफी अच्छा है और गृहस्थ जीवन में परिवार को इग्नोर करके नहीं चल सकते।
आपको बता दें कि दिसंबर 1960 को पटना में जन्में जेपी नड्डा की पत्नी का नाम डॉ. मल्लिका है। साल 1991 में दोनों की शादी हुई थी। दोनों के दो बच्चे हैं। जेपी नड्डा की सास जयश्री बनर्जी भी लोकसभा सांसद रही हैं।
‘व्यस्त नहीं अस्त-व्यस्त होना है समस्या’
नड्डा (JP Nadda) ने समय-प्रबंधन (Time Management) का महत्व बताते हुए कहा कि जीवन में व्यस्त होना समस्या नहीं है, अस्त-व्यस्त होना समस्या है। उन्होंने एक कविता सुनाते हुए बताया कि अगर आप समय प्रबंधन सही तरीके से कर लेते हैं तो साथ-साथ सब काम कर सकते हैं और परिवार को भी पर्याप्त वक्त दे सकते हैं।
कौन सी कविता सुनते थे जेपी नड्डा?
जेपी नड्डा (JP Nadda) ने बताया कि जब मैं युवा था तो अक्सर एक कविता सुना करता था। वो कुछ यूं थी- ‘कुछ चिट्ठियां लिखी हैं, कुछ लिखनी हैं…कुछ चिट्ठियां पढ़ी हैं, कुछ पढ़ने हैं…कुछ अखबार पढ़े हैं, कुछ पढ़ने हैं…। बाद में मुझे एहसास हुआ कि मैं व्यस्त नहीं अस्त-व्यस्त हूं।
मुस्कुराते हुए बोले- गृहस्थ जीवन को नहीं कर सकते इग्नोर
जेपी नड्डा हल्के-फुल्के अंदाज में कहते हैं कि गृहस्थ जीवन को इग्नोर नहीं किया जा सकता है। हमें भी काम में खुशी तभी मिलती है, जब घर में सब कुछ अच्छा रहे। पटना यूनिवर्सिटी से बीए और हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से एलएलबी करने वाले जेपी नड्डा ने छात्र राजनीति से सियासत की शुरुआत की थी। साल 2020 में उन्हें बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया था।