क्या आपकी पार्टनर शारीरिक संबंध बनाने से कतराती हैं? आप हर दिन पूरी कोशिश करते हैं कि उनके साथ कुछ लम्हें खुशी के गुज़ारें लेकिन वो आपके पास होकर भी शारीरिक संबंध बनाने से डरती हैं। महिलाओं में होने वाली ये परेशानी जिसे वो अपने पति या पार्टनर के साथ भी शेयर करना पसंद नहीं करती वो एक बीमारी है। इस बीमारी में महिलाएं सामान्य होने के बावजूद यौन अक्षमता से पीड़ित होती है जिसके बारे में वो किसी से भी खुलकर बात नहीं करती। महिलाओं में होने वाली ये परेशानी रिश्तों में तनाव पैदा करती है कई बार तो रिश्ते टूटने का कारण भी बनती है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ और प्रसूति विशेषज्ञ डॉ जागृति वार्ष्णेय ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कम यौन उत्तेजना (low sexual arousal),यौन इच्छा में कमी होना (sexual desire),शारीरिक संबंध बनाने के दौरान संभोग करने में असमर्थता, शारीरिक संबंध बनाने में तकलीफ होने जैसी विस्तृत श्रेणी है जो सेक्सुअल डिसफंक्शन का ही हिस्सा हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक ये परेशानी सिर्फ पुरुषों में ही नहीं होती बल्कि महिलाओं में भी होती है। महिलाओं में होने वाली ये परेशानी सामाजिक रूप से स्वीकार नहीं की जाती। महिलाओं को होने वाली इस परेशानी के बारे में वो डॉक्टर तक से बात करना पसंद नहीं करती।
प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.नीना मनसुखानी ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि फीमेल सेक्सुअल डिसफंक्शन (एफएसडी) जितना हम सोचते हैं उससे कहीं अधिक आम है। 30 साल की महिलाओं से लेकर पेरिमेनोपॉज़ल महिलाएं तक इससे पीड़ित हैं, लेकिन वो इसके बारे में बात नहीं करती। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि महिलाओं में सेक्सुअल डिसफंक्शन के लक्षण कौन-कौन से हैं और उसका उपचार कैसे करें।
सेक्सुअल डिसफंक्शन के कारण कौन-कौन से हैं?
महिलाओं में होने वाली इस बीमारी के कई कारण हैं जैसे क्रॉनिक थकान, विटामिन डी की कमी, थायरॉयड विकार, दर्दनाक संभोग,वजन का बढ़ना, एक्सरसाइज की कमी, हार्मोन का सेवन, एण्ड्रोजन की कमी एक भूमिका निभाती है। इन कारणों की वजह से महिलाएं अपने साथ के साथ शारीरिक संबंध बनाने से कतराती हैं।
महिलाएं जिस प्रकार के यौन रोग का सामना कर रही हैं, उसके आधार पर विभिन्न लक्षण हो सकते हैं:
- सबसे आम फीमेल सेक्सुअल डिसफंक्शन में यौन इच्छा और रुचि की कमी शामिल है।
- सेक्स के लिए महिलाओं की इच्छा होना लेकिन कामोत्तेजना की समस्या (arousal– difficulty) है।
- शारीरिक संबंध बनाने के दौरान उत्तेजित होने या कामोत्तेजना बनाए रखने में कठिनाई होना।
- लगातार डिजायर्स होने के बावजूद आपको ऑर्गेज्म तक पहुंचने में लगातार कठिनाई होना।
- शारीरिक संबंध बनाने के दौरान महिलाओं को दर्द होना।
- कैंसर, मल्टीपल स्केलेरोसिस, हृदय रोग, किडनी की खराबी या मूत्राशय की समस्याओं जैसी चिकित्सा स्थितियों के कारण भी महिलाओं को ये परेशानी हो सकती है।
- कुछ खास दवाएं जैसे एंटीडिप्रेसेंट, एंटीहिस्टामाइन, ब्लड प्रेशर की दवाएं और कीमोथेरेपी की दवाओं के कारण।
- मेनोपॉज के बाद कम एस्ट्रोजन का स्तर आपकी यौन इच्छाओं पर असर डालता है। एस्ट्रोजन में कमी होने से वजाइना में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे आपके जननांग के ऊतकों में परिवर्तन हो सकता है
डॉ मनसुखानी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस बीमारी का उपचार आसानी से किया जा सकता है। महिलाएं अपने डॉक्टर से इस परेशानी के बारे में खुल कर बात करें। डॉ. मनसुखानी के अनुसार फीमेल सेक्सुअल डिसफंक्शन का इलाज निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है।
- डॉक्टर के साथ कॉन्सलिंग करें और शारीरिक संबंध बनाने के बारे में लक्ष्य निर्धारित करें।
- एण्ड्रोजन थेरेपी मुख्य आधार है
- ट्रांसडर्मल टेस्टोस्टेरोन पैच
- टेस्टोस्टेरोन ट्रांसडर्मल जेल 1% 5 ग्राम प्रति दिन 3 महीने तक यूज करें।
- मेनोपॉज हार्मोन थेरेपी प्रभावी इलाज है।
- स्थानीय एस्ट्रोजन जैल और वजाइनल मॉइस्चराइजर का उपयोग किया जा सकता है।