Bhimrao (B.R.) Ambedkar Jayanti 2021 Quotes, Messages, Thoughts: भारतीय संविधान के जनक भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के छोटे से गांव महू में हुआ था। अपना पूरा जीवन देश के नाम अर्पित करने वाले बाबा साहेब स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून एवं न्याय मंत्री थे। दलित वर्ग को समानता दिलाने के लिए वो आजीवन प्रयासरत रहे, अंबेडकर दलित बौद्ध आंदोलन के पीछे की ताकत थे। वह एक अर्थशास्त्री, राजनेता और समाज सुधारक थे जिन्होंने महिलाओं और मजदूरों के अधिकारों की भी वकालत की।
डॉ. भीमराव अंबेडकर के सम्मान में ही हर साल उनके जन्मदिवस को सेलिब्रेट किया जाता है। इस खास मौके पर पढ़ें उनके अनमोल विचार जो आज भी डालते हैं युवाओं पर गहरा छाप –
‘यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।’ – डॉ. भीमराव अंबेडकर
‘मनुष्य नश्वर है, उसी तरह विचार भी नश्वर हैं। एक विचार को प्रचार-प्रसार की जरूरत होती है, जैसे कि एक पौधे को पानी की, नहीं तो दोनों मुरझाकर मर जाते हैं।’ – डॉ. बी आर अंबेडकर
‘यदि मुझे लगा की संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा हैं, तो इसे सबसे पहले मैं जलाऊंगा।’ – बाबासाहेब अंबेडकर
‘जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है, वो आपके किसी काम की नहीं।’ – डॉ. अंबेडकर
‘मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है।’ – बाबासाहेब
‘धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए।’ – डॉ. बी आर अंबेडकर
‘समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर इसे एक गवर्निंग सिद्धांत के रूप में स्वीकार करना होगा।’
– बी.आर. अंबेडकर
‘पति-पत्नी के बीच का संबंध घनिष्ठ मित्रों के संबंध के समान होना चाहिए।’ – डॉ. भीमराव अंबेडकर
‘हिन्दू धर्म में विवेक, कारण और स्वतंत्र सोच के विकास के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।’ – डॉ. बी आर अंबेडकर
‘हम सबसे पहले और अंत में, भारतीय हैं।’ – बाबासाहेब अंबेडकर
‘कानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा जरूर दी जानी चाहिए।’ – डॉ. अंबेडकर