मनीष कुमार जोशी
साल की पहली ग्रैंड स्लेम हैप्पी स्लेम के नाम से जानी जाती है। सभी खिलाडी इस प्रतियोगिता से नई शुरुआत करते है। सभी के पास खोने को कुछ नहीं होता है। इसलिए इसे हैप्पी स्लेम कहा जाता है। इस समय मौसम भी अच्छा रहता है। यह अलग बात है कि यह प्रतियोगिता इस बार किसे खुश करती है।
टेनिस विज्ञ इस बार नए विजेता मिलने की उम्मीद कर रहे हैं परन्तु यह प्रतियोगिता पुराने और अनुभवी खिलाडियों पर ही भरोसा करती आई है। यहां अनुभवी खिलाडी ही विजेता बनता आया है परन्तु महिला वर्ग लगातार छह वर्षो से नया चैंपियन दे रहा है। इस बार महिलाओं में ही नहीं बल्कि पुरुषों में भी नए चैंपियन की उम्मीद की जा रही हैै। टेनिस विज्ञों का मानना है कि परिस्थितियां बता रही हैं कि पुरुषों में अनुभवी खिलाड़ी ही अपना झंडा फहराएंगे।
पुरुषों में इस बार विषेष बात है कि जोकोविच ने वापसी की है। पिछले साल टीका नहीं लगने के कारण जोकोविच को लौटा दिया गया था। अब कोविड का दौर समाप्त हो चुका है इसलिए इस बार वे भाग ले रहे हैं। जोकोविच नौ बार के विजेता हैं। 35 वर्षीय जोकोविच का इस बार भी दावा मजबूत है। गत विजेता राफेल नडाल को जोकोविच का प्रतिद्वन्द्वी माना जा रहा है।
क्वाटर फाइनल और सेमीफाइनल में नडाल और जोकोविच को कड़ी चुनौती मिल सकती है। टेनिस विज्ञ और सट्टेबाज सितसिपास, मेदवेदेव , किर्गियोस और रूबलेव को विजेता बनने बात कर रहे हैं। इसमें मेदवेदेव और सितसिपास को मजबूत माना जा रहा है। मेदवेदेव को क्वार्टर फाइनल में इन दो दावेदारों से भिड़ना पड़ सकता है। इसके अलावा 25 साल के आंद्रे रूबलेव को भी कम नहीं आंका जा सकता।
पिछले साल सर्बिया ओपन के फाइनल में रूबलेव ने जोकोविच को हराया था। इसी आधार पर रूबलेव को विजेता की होड़ में बताया जा रहा है। मेलबर्न के क्वींस पार्क के हार्डकोर्ट पर वही विजेता बनता है जो हार्डकोर्ट से अच्छी तरह वाकिफ है। नए खिलाडी को हार्ड कोर्ट को समझने में देर लगती है। ऐसे में नए खिलाडियो के लिए मुश्किल हो सकती है। जोकोविच हैप्पी स्लेम से पहले ऐडिलेड ओपन जीत चुके हैं। ऐसे में वे सबसे आगे हैं।
नडाल पूर्व विजेता हैं परन्तु उसके साथ फिटनेस की समस्या है और अभी उनके विजय अभियान में निरंतरता नहीं है। वे लगातार मैच नहीं जीत रहे हैं। ऐसे मे जोकोविच का पलडा भारी दिखता है। इसके अलावा मेदवेदेव को भी संभावित दावेदार माना जा सकता है परन्तु इस बात में कम दम दिखता है कि कोई नया विजेता बन कर उभरेगा। आस्ट्रेलियाई ओपन में ऐसा बहुत कम दिखता है कि कम रैकिंग वाला खिलाडी विजेता बन जाए।
महिलाओं में टेनिस विज्ञों की बात सौ फीसद खरी उतरेगी। महिलाओं में पिछली विजेता ऐशले बार्टी संन्यास ले चुकी हैं। साल 2021 की विजेता नवामी असोका इस बार नहीं खेल रही हैं। ऐसे में महिलाओं को नया विजेता ही मिलेगा। बार्टी और नवामी के नहीं होने से इगा स्वातेक को संभावित विजेता माना जा रहा है। स्वातेक 2022 की सफलतम खिलाडी हैं और वर्तमान में डब्लूटीए रैकिंग में नंबर एक हैं। पिछले आस्ट्रेलियाई ओपन के सेमीफाइनल तक चुुनौती पेश कर चुकी हैं। ऐसे में स्वातेक की दावेदारी मजबूत है। स्वातेक को सबलेंका से चुनौती मिल सकती है।
महिला वर्ग में यह साफ है कि इस बार नया विजेता मिलेगा परन्तु इस बात की संभावना बहुत कम है कि डबलूटीए रैकिंग में नीचे रैकिंग वाली कोई खिलाड़ी चैंपियन बन जाए। यहां वही विजेता बनता है जिसे अनुभव हो। हाडकोर्ट पर अनुभव बहुत जरूरी है। पुरुषों का इतिहास देखें तो आस्ट्रेलियाई ओपन में अनुभवी ही विजेता बने हैं। दो दशको से पूर्व विजेता ही जीतते आए हैं। वर्तमान टेनिस में संघर्ष कम है। मुकाबले दो चार टेनिस खिलाडियों के बीच ही सिमटते जा रहे हैं। इस कारण नए विजेता नहीं मिल पा रहे हैं। फिर भी शीर्ष खिलाड़ियों के बीच रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है।