प्रत्युष राज
वुमेंस प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी को अपनी पहली जीत यूपी वॉरियर के खिलाफ मिली थी और इसमें इस टीम की खिलाड़ी कनिका अहूजा की बल्लेबाजी का विशेष योगदान रहा। कनिका की बल्लेबाजी ने आरसीबी के लिए जीत की राह आसान कर दी और पांच लगातार हार के बाद इस टीम की जीत बेहद खास रही। बुधवार को जब कनिका यूपी के खिलाफ खेल रही थीं तब पटियाला में आहूजा परिवार अपनी बेटी की बल्लेबाजी देखने के लिए टीवी सेट से चिपकी हुई थी। अहूजा परिवार के लिए पिछले कुछ महीने खट्टे-मीठे रहे हैं और इस दौरान कनिका को आरसीबी ने नीलामी में चुना जबकि उनकी मां सीमा रानी स्तन और हड्डी की कैंसर से जूझ रही हैं।
अपनी बेटी की इस पारी के बाद गुरुवार की सुबह सुरिंदर अपनी पत्नी सीमा को कीमोथेरेपी के लिए संगरूर के एक कैंसर अस्पताल में ले गए। अपने घर से 60 किलोमीटर दूर इस यात्रा के दौरान सीमा ने कनिका की बल्लेबाजी को लेकर बात की। कनिका ने अपनी पारी के दौरान तीन चौके राजेश्वरी गायकवाड़ की गेंद पर जबकि देविका वैद्य की गेंद पर शानदार छक्का लगाया जो उनका पसंदीदा शॉट था। सुरिंदर आहूजा ने इंडियन एक्सप्रेस को फोन पर बताया कि वो कनिका की पारी देखकर आंसू हरा रही थीं और अस्पताल जाते हुए पूरे समय कनिका के बारे में ही बातें कर रही थी साथ ही एक बच्चे की तरह से हंस भी रही थीं।
सुरिंदर ने बताया कि कनिका की मां कह रही थीं कि मैं ठीक हो जाउंगी और मुझे कनिका को स्टेडिय में खेलते देखना है। उन्होंने कहा कि एक परिवार के रूप में हम एक कठिन वक्त से गुजर रहे हैं। जब मैं अपनी पत्नी और बेटी से बात करता हूं कि तो अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखने की कोशिश करता हूं। कनिका अपनी मां का हाल अच्छी तरह जानती हैं, लेकिन वे कभी इस बारे में बात नहीं करते। उनकी बातचीत WPL के इर्द-गिर्द घूमती है।
वहीं कनिका ने यूपी के खिलाफ खेली अपनी इस पारी को अपनी मां को समर्पित किया और कहा कि एक समय था जब मेरी मां मुझे खेलने के लिए प्रेरित करती थी। अब वो शारीरिक रूप से ठीक नहीं हैं और मैं यहां उनके लिए खेल रही हूं क्योंकि वो मुझे देख रही हैं। मेरी माँ मुझसे कहती थी कि बाहर जाकर खेलो और घर में उसे परेशान मत करो। अगर मैं घर पर होती, तो मैं छत पर पतंग उड़ाती थी ताकि वह मुझे बाहर जाकर खेलने के लिए कहें। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, “मेरे परिवार को यह भी नहीं पता था कि लड़कियों के लिए क्रिकेट है। मेरे पिता ने मुझे पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए कहा, क्योंकि क्रिकेट में कुछ भी नहीं है, लेकिन मेरी मां कहती थी कि जाओ और खेलो।”