बलविंदर संधू की आउटस्विंगर ने रखी थी भारत के वर्ल्ड चैंपियन बनने की नींव, ‘हनीमून’ पर गई टीम इंडिया ने रचा था इतिहास
वेस्टइंडीज की टीम की ओपनिंग जोड़ी उस वक्त दुनिया में सबसे बेहतरीन थी। गॉर्डन ग्रीनिज के साथ डेसमंड हेंस बल्लेबाजी के लिए उतरे। ऐसा लग रहा था कि दोनों टीम को 10 विकेट से जीत दिलाएंगे। उनके बाद बल्लेबाजी के लिए आने वाले रिचर्ड्स, कप्तान क्लाइव लॉयड और लैरी गोमेज का नंबर नहीं आएगा।

भारतीय क्रिकेट टीम अब तक दो बार वनडे वर्ल्ड कप जीत चुकी है। पहली बार 1983 में जीत मिली थी। दूसरी बार 2011 में सफलता मिली थी। आज यानी 25 जून 2020 को टीम इंडिया की पहली वर्ल्ड कप जीत के 37 साल पूरे हो गए। भारत ने लॉर्ड्स में खेले गए फाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज को 43 रन से हराया था। उस वर्ल्ड कप में जीत का श्रेय कपिल देव को दिया जाता है। उन्होंने सेमीफाइनल में जिम्बाब्वे के खिलाफ 175 रन की पारी खेली थी। फाइनल में विवियन रिचर्ड्स का कैच लिया था। पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन कप्तानी भी की थी। इन सबके बावजूद फाइनल मुकाबले में एक आउटस्विंगर ऐसी थी जिसने मैच को भारत की तरफ मोड़ दिया था।
दरअसल, टॉस जीतने के बाद वेस्टइंडीज ने पहले गेंदबाजी का फैसला किया। बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया 54.4 ओवर में 183 रनों पर सिमट गई थी। भारत के लिए क्रिस श्रीकांत ने सबसे ज्यादा 38 रन की पारी खेली थी। संदीप पाटिल ने 27, मोहिंदर अमरनाथ ने 26, मदन लाल ने 17 और कपिल देव ने 15 रन का योगदान दिया था। वेस्टइंडीज के लिए एंडी रॉबर्ट्स ने 3, मैल्कम मॉर्शल, माइकल होल्डिंग और लैरी गोमेज ने 2-2 विकेट लिए थे। वेस्टइंडीज को 184 रन का आसान लक्ष्य मिला था। क्रिकेट विशेषज्ञों ने कहा था कि कैरेबियाई टीम वर्ल्ड कप जीत की हैट्रिक लगाएगी।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज की टीम की ओपनिंग जोड़ी उस वक्त दुनिया में सबसे बेहतरीन थी। गॉर्डन ग्रीनिज के साथ डेसमंड हेंस बल्लेबाजी के लिए उतरे। ऐसा लग रहा था कि दोनों टीम को 10 विकेट से जीत दिलाएंगे। उनके बाद बल्लेबाजी के लिए आने वाले रिचर्ड्स, कप्तान क्लाइव लॉयड और लैरी गोमेज का नंबर नहीं आएगा। भारत के लिए गेंदबाजी की शुरुआत एक छोर से कपिल देव और दूसरे छोर से बलविंदर संधू ने की। संधू की एक साधारण आउटस्विंगर को ग्रीनिज सही से नहीं खेल पाए और बोल्ड हो गए। गेंद उनके बल्ले से लगकर स्टंप पर लग गई। यहीं से वेस्टइंडीज की टीम दबाव में आ गई।
#OnThisDay in 1983, Lord’s – History created! #TeamIndia href=”https://twitter.com/therealkapildev?ref_src=twsrc%5Etfw”>@therealkapildev won the World Cup after beating the mighty West Indies #TeamIndia pic.twitter.com/fKfhICVs5R
— BCCI (@BCCI) June 25, 2020
ग्रीनिज के आउट होने के बाद हेंस 13, लॉयड 8, गोमेज 5 और फॉड बेचुस 8 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। रिचर्ड्स 33 रन बनाकर मदन लाल की गेंद पर कपिल देव को कैच थमा बैठे। एक समय टीम का स्कोर 76 रन पर 6 विकेट था। इसके बाड जैफ डुजॉन ने मैल्कम मार्शल के साथ मिलकर स्कोर को 119 रन तक पहुंचाया। डुजॉन 25 रन बनाकर आउट हो गए। मार्शल ने 18 रन बनाए। दो बार की चैंपियन रह चुकी वेस्टइंडीज की टीम 52 ओवर में 140 रनों पर ढेर हो गई। भारत पहली बार चैंपियन बन गया।
ओपनर श्रीकांत ने एक इंटरव्यू में कहा था कि भारत टीम का प्रदर्शन पिछले दो वर्ल्ड कप में ठीक नहीं था। टीम सिर्फ ईस्ट अफ्रीका को हराने में सफल रही थी। इसलिए टीम के सभी सदस्यों का टिकट मुंबई से सीधे न्यूयॉर्क का था। लंदन में बस कुछ मैच खेलने के लिए रुकना था। श्रीकांत ने कहा था कि टीम इंडिया एक तरह से ‘हनीमून’ पर गई थी, लेकिन चैंपियन बनकर वापस लौटी थी।
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