Women’s U-19 T20 World Cup Final: साउथ अफ्रीका के पोटचेफ्सट्रूम में भारत ने इंग्लैंड (India beats England) को हराकर महिला अंडर-19 वर्ल्ड कप (Women’s U-19 T20 World Cup) जीतकर इतिहास रचा। महिला क्रिकेट (Women’s Cricket) में भारत ने पहली बार कोई वैश्विक खिताब जीता है। इस ऐतिहासिक जीत का शॉट भोपाल की सौम्या तिवारी (Saumya Tiwari) ने लगाया। भारतीय महिला अंडर-19 टीम (India Women’s U-19 Team) की उपकप्तान ने हाई वोल्टेज मुकाबले में 37 गेंद पर 24 रन की पारी खेली।
भोपाल के कलेक्टरेट में चुनाव पर्यवेक्षक के पद पर कार्यरत मनीष तिवारी की सौम्या तिवारी (Saumya Tiwari) की क्रिकेटर बनने की कहानी काफी दिलचस्प है। बचपन में सौम्या को उनके कोच सुरेश चैनानी ने ट्रेनिंग देने से इंकार कर दिया था। कुछ लड़कियों ने एकेडमी से नाम वापस ले लिया था। इसके कारण वह उन्हें ट्रेनिंग नहीं देते थे। बाद में उन्होंने ट्रेनिंग देना शुरू किया तो सौम्या को ऑफ स्पिनर बनाना चाहते थे।
मुगरी का बल्ला और कागज की गेंद
इसके बाद शाहजहांनाबाद में सौम्या तिवारी (Saumya Tiwari)ने 2015-16 में मुगरी (घरों में कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बैटनुमा लकड़ी ) और पेपर की गेंद से खेलना शुरू कर दिया। सौम्या तिवारी (Saumya Tiwari) के पिता ने इसके बारे में बताते हुए कहा, “सौम्या बचपन में टीवी पर क्रिकेट देखा करती थी और अक्सर मेरी पत्नी भारती से कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मुगरी ले लेती थी और मेरी बड़ी बेटी साक्षी को कागज के गेंद बनाने और लिविंग रूम में खेलने के लिए कहती थी। वह यहां मुहल्ला क्रिकेट खेलती थी और कभी-कभी शिकायत करती थी कि लड़के उसे अपनी टीमों में शामिल नहीं करते।”
कैसे मिली क्लब में एंट्री
सौम्या तिवारी (Saumya Tiwari) के पिता ने आगे बताया, “बाद में जब हम न्यू भोपाल शिफ्ट हुए तो मैं उसे ट्रेनिंग के लिए सुरेश चैनानी के पास ले गया। पहले दिन उन्होंने ट्रेनिंग देने से मना कर दिया क्योंकि वे एकेडमी में लड़कियों को ट्रेनिंग नहीं देते थे। सौम्या दो दिनों तक लगातार रोती रही, उसके बाद हम फिर से एकेडमी गए और सर से उसे ट्रेनिंग देने का आग्रह किया। वह तैयार हो गए और फिर एक इंटर-क्लब मैच में उसे मैदान में उतारा। समय के साथ, उसका आत्मविश्वास बढ़ता गया और जब भी मैं शहर से बाहर जाता था तो वह मुझसे हेलमेट और दस्ताने लाने के लिए कहती थी।”
ऑफ स्पिनर से बैट्समैन बनने का सफर
फाइनल से पहले सौम्या तिवारी (Saumya Tiwari) ने सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ 22 रनों की पारी सहित कुल 82 रन बनाए थे और अपनी ऑफ स्पिन से टूर्नामेंट में तीन विकेट लिए थे। चैनानी के भोपाल के ओल्ड कैंपियन ग्राउंड में अरेरा क्रिकेट अकादमी में चुने जाने के बाद, तिवारी एकेडमी की लड़कों की टीम के लिए खेलीं और कोच ने शुरुआत में उन्हें ऑफ स्पिनर बनाने की कोशिश में थे। बाद में बल्लेबाजी पर ध्यान दिया।
फील्डिंग से प्रभावित थे कोच
सौम्या तिवारी (Saumya Tiwari) के कोच सुरेश चैनानी ने बताया, “राज्य की टीम से निकाले जाने के बाद मेरे एकेडमी में ट्रेनिंग ले रहीं दो लड़कियों ने खेलना छोड़ दिया था। इसलिए मैं निराश था और लड़कियों को ट्रेनिंग नहीं देने का फैसला किया। जब सौम्या अपने पिता के साथ आई, तो मैंने शुरू में उन्हें मना कर दिया, लेकिन उसके बार-बार कहने पर मैं मान गया। मैं उसकी फील्डिंग से प्रभावित था और उसे एक ऑफ स्पिन गेंदबाज के रूप में देखता था। इसलिए हमने उसके एक्शन पर काम किया और उसे ऑफ स्टंप एरिया और बाद में सीमेंट और टर्फ विकेट दोनों पर फिंगर स्पिन कराया।
सौम्या तिवारी ने टीम भावना का बेहतरीन नमूना पेश किया
युवा खिलाड़ी सौम्या तिवारी (Saumya Tiwari) ने पिछले सीजन में U19 चैलेंजर ट्रॉफी में खेला और घरेलू सर्किट में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के लिए खेलने के अलावा शतक भी लगाया है। चैनानी ने एक किस्सा बताया जब सौम्या ने टीम भावना का बेहतरीन नमूना पेश किया था। उन्होंने बताया, “हम एक इंटर-क्लब टूर्नामेंट खेल रहे थे और सौम्या हमारी टीम की एकमात्र लड़की थी। हमने पहले बल्लेबाजी की और पहली पारी के बाद आयोजक ने हमसे कहा कि लड़की टूर्नामेंट में नहीं खेल सकती। मैंने विरोध किया क्योंकि उन्होंने पहले अनुमति दी थी, लेकिन हमारी बल्लेबाजी के बाद मना कर दिया क्योंकि सौम्या ने स्थानीय सर्किट में एक स्पिनर के तौर पर काफी नाम कमाया था। वह मेरे पास आई और मुझसे कहा कि वह बाहर बैठेगी क्योंकि उसकी टीम को अयोग्य घोषित नहीं किया जाना चाहिए और उन्हें जीतना चाहिए। हम मैच जीत गए, लेकिन उनकी टीम भावना ने हमें जीत के लिए उनके प्यार के बारे में बताया।”
सौम्या तिवारी के परिवार में जश्न का माहौल
अंडर-19 वर्ल्ड कप फाइनल (Women’s U-19 T20 World Cup) में भारत की जीत के बाद सौम्या तिवारी (Saumya Tiwari) का परिवार जश्न डूबा हुआ था। सौम्या तिवारी (Saumya Tiwari) के पिता ने कहा, “भोपाल हॉकी के प्यार और क्रिकेट को राजघरानों से सपोर्ट के लिए भी जाना जाता है। एमके पटौदी अक्सर शहर आया करते थे, जेपी यादव ने विरासत को आगे बढ़ाया है। सौम्या ने शहर को गौरवान्वित किया है। हमें लोगों के लगातार फोन आ रहे हैं कि वे सौम्या और भारतीय टीम के लिए हवन और दुआ कर रहे हैं और उसे भारत के लिए अंडर -19 विश्व कप जीतते हुए देखना एक यादगार क्षण है।”