कोरोनावायरस के कारण दुनिया के कई देशों में खेलों की प्रतियोगिताओं को रद्द या स्थगित कर दिया है। इसी बीच, फरवरी के बाद से ऑनलाइग गेम्स का ट्रेंड बढ़ गया। पहले लोग ई-स्पोर्ट्स के जरिए अपना मन लगाते थे। अब एक नया ट्रेंड सामने आया है वर्चुअल गेम्स का। यह खेल एक तरह से रियल गेम्स से प्रेरित फैंटेसी गेम्स है। हाल ही में कई टेनिस खिलाड़ी और फुटबॉल खिलाड़ी इसे खेलते हुए नजए आए हैं। यूरोप में यह गेम्स अभी ज्यादा प्रचलित है।
वर्चुअल गेम्स को कसिनो गेम्स से जोड़कर देखा जा रहा है। दोनों जगह इलेक्टॉनिक्स का पूरा इस्तेमाल हो रहा है। माना जाता है कि इससे कसिनो की तरह ही वर्चुअल गेम्स में सट्टेबाजी आसान होगी। इसमें भी फुटबॉल के टूर्नामेंट होते हैं। वह लीग, वर्ल्ड कप और डोमेस्टिक कप में बंटा होता है। इस खेल का एक फायदा यह है कि इसे दुनिया के किसी भी हिस्से में कभी खेला जा सकता है। साथ ही इसमें सट्टेबाजी भी आसान होगी।
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वर्चुअल गेम्स और रियल गेम्स में कई अंतर हैं। पहला अंतर यह कि रियल गेम्स की तुलना यहां सट्टेबाजी आसान है। नए सॉफ्टवेयर और ग्राफिक्स के इस्तेमाल से यह रियल गेम्स से ज्यादा आकर्षक लगेंगे। रियल गेम्स एक तय समय पर ही हो सकता है, बल्कि वर्चुअल गेम्स को कभी खेला जा सकता है। फुटबॉल और टेनिस के कई टूर्नामेंट सप्ताह के अंत में ही होते हैं। दर्शकों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सॉफ्टवेयर के जरिए फैंस पसंदीदा टीम को समर्थन भी दे सकते हैं। उनके लिए गाना भी गा सकते हैं।
वर्चुअल गेम्स रियल गेम्स की तुलना में ज्यादा कमाई दे सकता है। इससे ऑपरेटर और खिलाड़ियों की कमाई में बढ़ोतरी होगी। इसमें कोई खिलाड़ी अपने रियल टीम की जगह दूसरे टीम की ओर से भी खेल सकता है। फिलहाल वर्चुअल टेनिस, वर्चुअल फुटबॉल और वर्चुअल हॉर्स-राइडिंग ट्रेंड में है। कोरोनावायरस से दुनिया भर में अब तक 32 लाख लोग संक्रमित हुए हैं। दो लाख 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है।