गिने-चुने क्रिकेटर ही भारत के लिए 100 टेस्ट खेलने की उपलब्धि हासिल कर पाए हैं। महान एमएस धोनी या मोहम्मद अजहरुद्दीन भी वहां नहीं पहुंच पाए। यह बताता है कि एक भारतीय खिलाड़ी को 100 टेस्ट तक पहुंचने में कितनी मेहनत लगती है। पिछले साल, विराट कोहली भारत के लिए 100-टेस्ट खेलने वाले क्रिकेटर्स की श्रेणी में शामिल हुए। इस सूची में कपिल देव, सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, हरभजन सिंह और अन्य पूर्व सुपरस्टार शामिल थे।
सौ से अधिक टेस्ट मैच खेलने का अनुभव रखने वाले एक और भारतीय दिग्गज, वीरेंद्र सहवाग ने टीम इंडिया के मौजूदा सेट-अप में एक खिलाड़ी की पहचान की है, जो 100 या उससे ज्यादा टेस्ट मैच खेल सकता है। वह कोई और नहीं बल्कि ऋषभ पंत हैं। 24 साल के ऋषभ पंत ने अपने टेस्ट करियर की विस्फोटक शुरुआत की थी। महज 4 साल में ही उनके पास 30 टेस्ट मैच का अनुभव हो गया है। सहवाग का मानना है कि अगर भारत का यह युवा खिलाड़ी लंबे समय तक खेलता है तो वह खुद को भारतीय क्रिकेट के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक के रूप में स्थापित करेगा।
वीरेंद्र सहवाग ने स्पोर्ट्स 18 शो होम ऑफ हीरोज पर कहा, ‘अगर वह 100 से अधिक टेस्ट खेलता है, तो उसका नाम हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा। केवल 11 भारतीय क्रिकेटर्स ने ही यह उपलब्धि हासिल की है। हर कोई उन 11 नामों को याद कर सकता है। विराट कोहली टेस्ट खेलने पर क्यों इतना जोर देते हैं। विराट कोहली जानते हैं कि अगर वह 100-150 या 200 टेस्ट भी खेलते हैं तो वह रिकॉर्ड बुक में अमर हो जाएंगे।’
ऋषभ पंत ने 30 टेस्ट मैच में 40.85 के औसत और 70.45 के स्ट्राइक रेट से 1920 रन बनाए हैं। इसमें उनके चार शतक और नौ अर्द्धशतक शामिल हैं। उत्तराखंड के हरिद्वार में 4 अक्टूबर 1997 को जन्में ऋषभ पंत अभी 25 साल के भी नहीं हैं। अगर वह 10 साल लगातार और खेलते हैं तो कोई कारण नहीं है कि भारत का यह विकेटकीपर बल्लेबाज 100 टेस्ट मैच के मील के पत्थर तक नहीं पहुंच सकता।
ऋषभ पंत ने अपने अब तक के टेस्ट करियर में कई शानदार पारियां खेली हैं। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के अपने पहले दौरे पर, पंत ने एक-एक शतक लगाया। उन्होंने 2020/21 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान दो बेहद महत्वपूर्ण टेस्ट मैच में दो असाधारण पारियां खेलकर खुद को साबित किया है।
सिडनी में, जब भारत टेस्ट बचाने के लिए जूझ रहा था, तब ऋषभ पंत ने 97 रन की पारी खेली। उनकी पारी ने मैच का रुख मोड़कर भारत को जीत के मुहाने पर ला खड़ा किया। हालांकि, मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ, लेकिन पंत की पारी की सभी ने तारीफ की।
यही नहीं, बाद में, गाबा में सीरीज के अंतिम मैच में पंत ने यकीनन अपने जीवन की सबसे यादगार पारियों में से एक खेली, क्योंकि उनके नाबाद 89 रन ने सबसे प्रसिद्ध टेस्ट मैच जीत में से एक को भारत की झोली में डाल दिया। इसके साथ ही भारत ने 3-2 से सीरीज भी अपने नाम की।