इंग्लैंड में शर्मनाक हार से विराट कोहली को मिले 9 सबक, इससे टीम इंडिया लेगी सीख?
भारत को वार्मअप होने के लिए कम से कम दो रेड बॉल प्रैक्टिस मैच खेलने चाहिए। बीसीसीआई को भविष्य में होने वाले दौरों को लेकर इस बात का ध्यान रखना चाहिए।

इंग्लैंड में खेले गए पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत की 4-1 से शर्मनाक हार हुई। पहले दो मैचों में लगातार हार के बाद तीसरे मैच में वापसी के बाद प्रशंसकों के बीच एक उम्मीद जगी थी कि भारतीय टीम सीरीज जीत सकती है, लेकिन चौथे टेस्ट में यह उम्मीद पूरी तरह से धराशायी हो गई। पांचवे टेस्ट में कुछ समय के लिए लगा कि भारत ये मैच जीत लेगा, लेकिन यहां भी बल्लेबाजों ने निराश कर दिया। भारतीय टीम के लिए यह श्रृंखला कई सबक दे गई। कप्तान विराट कोहली को 9 सबक मिले हैं। अब देखना यह है कि टीम इंडिया इस सबक से खेल में कितना सुधार लाती है।
कम से कम दो रेड बॉल प्रैक्टिस मैच खेलने चाहिए: सुनील गावस्कर ने कहा कि टेस्ट से पहले भारत को वार्मअप होने के लिए कम से कम दो रेड बॉल प्रैक्टिस मैच खेलने चाहिए। बीसीसीआई को भविष्य में होने वाले दौरों को लेकर इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
चयनकर्ता और टीम प्रबंधन को एक साथ लाएं: चयनकर्ताओं ने करुण नायर का चयन किया था, लेकिन टीम प्रबंधन ने तीन शतक लगाने वाले को एक पर्यटक व वाटरबॉय के रूप में बदल दिया।
सही टीम का चुनाव: भारत प्लेइंग इलेवन को चुनने में लगातार गलती कर रहा है। लॉर्ड्स में जहां एक एक्सट्रा स्पिनर की जरूरत थी, वहीं, ओवरकास्ट में एक्सट्रा सीमर की। चौथे टेस्ट में चोटिल घायल ऑफ स्पीनर आर अश्विन को खेला भारत के लिए महंगा साबित हुआ।
स्लिप घेरे में सही से खिलाड़ी को लगाना: पहले टेस्ट मैच में दोनों ही टीमों से स्लिप पर कैच छूटे। इसके बार इंग्लैंड ने अपने स्लिप घेरे में सुधार किया, लेकिन भारत ने ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसका खामियाजा भारत को भुगतना पड़ा। पांचवें टेस्ट में भारत ने पांच कैच ड्रॉप किए।
एक सही विकेटकीपर चाहिए: टेस्ट मैच में विकेटकीपिंग करना एक विशेषज्ञता का काम है। उसे सबसे ज्यादा कैच पकड़ने होते हैं, जो कि नॉटिंघम में देखने को मिला। लेकिन जल्द ही ऋषभ पंत की टेक्निक फेल हो गई। अंतिम दो टेस्ट मैच में, पंत ने 70 बाय रन दिए।
लोवर-आॅर्डर बैटिंग को मजबूत करना: भारत का लोवर-मीडिल ऑडर (कार्तिक, पंत, पांडया, अश्विन) इंग्लैंड के अपने प्रतिद्वंदी खिलाड़ी (स्टोक्स, बटलर, क्यूरेन, वोक्स) के मुकाबले टिक नहीं पाए। इनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। जोस बटलर जो कि इंग्लैंड टीम में 7वें नंबर पर खेलते हैं, उनका टाॅप स्कोर 349 है। वहीं, 9वें और 10वें नंबर पर खेलने वाले आदिल राशिद और स्टुअर्ट ब्रोर्ड ने कम से कम एक इनिंग लगातार खेले।
हार्दिक पांडया को नंबर 6 से अलग देखें: हार्दिक पांड्या ने नॉटिंघम में एक ऑल-राउंड की तरह खेला। पहली और दूसरी पारी में क्रमश: 18 और 52* रन बनाए। वहीं, 28 देकर देकर पांच विकेट और 22 रन देकर एक विकेट लिए। देखा जाए तो उनका औसत 30 का है, ऐसे में उन्हें 8वें स्थान पर भह जगह दी जा सकती है।
भारतीय बल्लेबाजी टेक्निक को विकसित करना होगा: भारतीय बल्लेबाजों को अपनी डिफेंसिव टेक्निक में सुधार लाना होगा। कोहली के अलावा दूसरी साइड से कोई भी बल्लेबाज नहीं टिक सके। भारत के टॉप आॅर्डर के बल्लेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
नेतृत्व क्षमता को और बढ़ाना होगा: यह मुख्य रूप से विराट कोहली के लिए है, जो दुनिया में एक अच्छे बल्लेबाज में रूप में जाने जाते हैं, लेकिन कप्तान के तौर पर वे कुछ विशेष नहीं कर सके। इंग्लैंड दौरे के समय उनके द्वारा लगाई गई फिल्डिंग निराशाजनक रही।