Team India Throwdown Experts: श्रीलंका के खिलाफ टीम इंडिया (IND vs SL) के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली (Virat Kohli) और शुभमन गिल (Shubman Gill) ने शतक लगाया तो उनकी खूब तारीफ हुई। यह चीज नई नहीं है, जब भी कोई बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन करता है उसकी जमकर सराहना होती है। उसके शॉट्स पर बात होती है। उसके खेलने के अंदाज पर बात होती, लेकिन इनकी कामयाबी के लिए दिन रात एक करने वाले सपोर्ट स्टाफ की बहुत ज्यादा बात नहीं होती। शायद इसका कारण पर्दे के पीछे रहना है।
श्रीलंका के खिलाफ तीसरे वनडे में शतक जड़ने के बाद स्टार बल्लेबाज विराट कोहली (Virat Kohli) और शुभमन गिल (Shubhman Gill) ने टीम इंडिया के ‘त्रिदेव’ से मुलाकात कराई। यह तीनों कोई और नहीं बल्कि थ्रो डाउन स्पेशलिस्ट डी रघुवेंद्र, नुवान सेनेविरत्ने और दयानंद गार्नी हैं। विराट ने अपनी सफलता के श्रेय इन तीनों को दिया।
145-150 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद थ्रो करते हैं
रघुवेंद्र, नुवान सेनेविरत्ने और दयानंद नेट्स पर उतना ही पसीना बहाते हैं, जितना टीम इंडिया के खिलाड़ी। तीनों घंटों-घंटों तक भारतीय बल्लेबाजों को बैटिंग का अभ्यास कराते हैं। इस दौरान वह लगातार 145-150 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद थ्रो करते हैं। BCCI.tv पर शुभमन गिल से बातचीत के दौरान विराट कोहली ने बताया कि कैसे टीम इंडिया के ‘त्रिदेव’ ने उनकी बल्लेबाजी में सुधार में मदद की है।
बल्लेबाजों को आउट करने की कोशिश
विराट कोहली (Virat Kohli) ने टीम इंडिया के थ्रो डाउन स्पेशलिस्ट को लेकर कहा, “जब भी हम खेलते हैं ये तीनों ने हमें विश्व स्तरीय अभ्यास कराते हैं। वे हमें नेट्स में किसी भी 145 या 150 किमी प्रति घंटे के तेज गेंदबाज की तरह चुनौती देते हैं। वे हमेशा हमें आउट करने की कोशिश करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि वे हमारी कड़ी परीक्षा लें।”
तीनों के 1200 से 1500 विकेट होते
ईमानदारी से कहूं तो मेरे लिए मेरे करियर में यह काफी बड़ा अंतर रहा है। इन लोगों को काफी श्रेय जाता है, जिन्होंने हमें नियमित रूप से अभ्यास कराया है और उनका योगदान अविश्वसनीय रहा है। आप लोगों को इनका नाम और चेहरा याद रखना चाहिए क्योंकि हमारी सफलता के पीछे इन लोगों का बहुत बड़ा हाथ है।” शुभमन गिल ने कहा, “इन तीनों को मिलाकर 1200 से 1500 विकेट होते। वे हमें मैच से पहले हर तरह की परिस्थितियों के लिए तैयार करते हैं। “
कौन हैं थ्रोडाउन एक्सपर्ट्स
डी रघुवेंद्र – उत्तरी कर्नाटक के कुम्ता के रहने वाले डी रघुवेंद्र ने 1990 के दशक में घर छोड़कर क्रिकेटर बनने के लिए मुंबई पहुंचे। क्रिकेट करियर सफल न होते देख, वह बैंगलोर लौटे और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) में कोच और खिलाड़ियों की मदद करने लगे। रघु बल्लेबाजों को काफी पसंद आते हैं क्योंकि वह गेंद फेंकने से नहीं थकते। सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और एमएस धोनी (MS Dhoni) ट्रेनिंग के दौरान अपने आसपास रहने के लिए कहते थे।
दयानंद गार्नी – किंग्स इलेवन पंजाब अब पंजाब किंग्स के साथ काम करने के बाद 2020 में दयानंद गार्नी ने थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट के तौर पर टीम इंडिया के जुड़े। रघु को कोरोना होने के बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए उड़ान भरी। कोलकाता पुलिस में सिविक पुलिस वॉलंटियर गार्नी मिडियम पेसर थे। उन्होंने आंध्र रणजी टीम के साथ काम किया। वह पूर्वी मिदनापुर जिले के जमातिया गांव के रहने वाले हैं।
नुवान सेनेविरत्ने – बाएं हाथ के श्रीलंकाई नुवान सेनेविरत्ने को 2018 में थ्रोडाउन विशेषज्ञ के रूप में शामिल किया गया था ताकि भारतीय बल्लेबाजों को पाकिस्तान के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर और जुनैद खान का मुकाबला करने में मदद मिल सके। वह अभी भी टीम इंडिया के साथ जुड़े हुए हैं। 42 वर्षीय नुवानने 2018 से पहले श्रीलंका टीम के फील्डिंग कोच के रूप में एक दशक तक काम किया।