सनराइजर्स हैदराबाद के गेंदबाज उमरान मलिक की गति को लेकर इस वक्त पूरे क्रिकेट जगत में चर्चा का माहौल है। जम्मू कश्मीर के पेसर की किस्मत तब खुली जब टी नटराजन कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद आईपीएल 2021 के बचे हुए मुकाबलों से बाहर हो गए और उमरान मलिक को टीम में शामिल कर लिया गया।
सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान केन विलियमसन ने कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ पिछले मुकाबले में इस भारतीय पेसर को डेब्यू का मौका दिया। इस गेंदबाज को विकेट जरूर नहीं मिला लेकिन लाइन-लेंथ के साथ उन्होंने अपनी गति से हर किसी को प्रभावित कर दिया।
उसके बाद आरसीबी के खिलाफ दूसरे मुकाबले में उन्हें श्रीकर भरत के रूप में पहला विकेट भी मिला और उन्होंने इस सीजन की सबसे तेज गेंद भी फेंक दी। उन्होंने अपने एक ओवर में सभी गेंदें 149 से लेकर 153 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से फेंकी। इसे देखकर क्रिकेट के गलियारों में उन्हें लेकर चर्चाएं शुरू हो गईं।
सब्जी और फल बेचते थे उमरान के पिता
कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ डेब्यू करने के बाद उमरान मलिक के भावुक पिता ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि,’हमारा परिवार बहुत गरीब है। मैं बहुत साधारण आदमी हूं और मेरी सब्जी व फल की दुकान है। एक सब्जी बेचने वाले के लिए ये मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।’
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उमरान के पिता अब्दुल मलिक ने आगे कहा कि,’मेरे बेटे ने मुझे गर्व महसूस करवाया है। यहां तक एलजी साहब ने भी उसके लिए शुभकामनाएं दी। मैं दुआ करता हूं मेरा बेटा इस तरह ही अपने करियर में उंचाईयां हासिल करता रहे।’
3 साल की उम्र से हुआ क्रिकेट से प्यार
उमरान के पिता ने कहा कि,’वो जब 3 साल का था तब से ही क्रिकेट की तरफ उसका झुकाव बढ़ने लगा था। उसका सपना था कि वे एक पेशेवर क्रिकेटर बने। आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए चुने जाने पर हम सब भावुक थे। हम टीवी के आगे चिपके हुए थे और हमारी आंखों में आंसू थे। मेरे बेटे ने बहुत मेहनत की है। आशा करता हूं कि वे एक दिन भारतीय टीम के लिए खेले।’
गौरतलब है कि उमरान ने अपने डेब्यू मुकाबले में 4 ओवर में 27 रन दिए थे और कोई विकेट उन्हें नहीं मिल पाया था। लेकिन उन्होंने आरसीबी के खिलाफ अपने दूसरे मुकाबले में श्रीकर भारत को आउट कर अपना पहला विकेट लिया। इस मुकाबले में उन्होंने 4 ओवर में 21 रन दिए।