दीपक चाहर ने 1 ही दिन में फोड़े थे 3 लोगों के सिर, स्कूल से कट गया था नाम; कपिल शर्मा के शो में खुद को बताया था बेकसूर
कपिल शर्मा के शो में दीपक चाहर ने बताया, ‘मैंने उस लड़के के पैर पकड़ लिए। तू मत जाना टीचर्स के पास। मैंने कहा तू गया तो ये मेरे को टीसी (ट्रॉन्सफर सर्टिफिकेट) दे देंगे। हुआ भी यही। अगले दिन जब पापा स्कूल गए तो प्रिंसिपल ने उन्हें मेरी टीसी पकड़ा दी।’

दीपक चाहर एक मैच में सबसे बेहतरीन गेंदबाजी करने वाले गेंदबाज हैं। उन्होंने पिछले साल नवंबर में नागपुर के मैदान में बांग्लादेश के खिलाफ टी20 मैच में 3.2 ओवर में सिर्फ 7 रन देकर 6 विकेट झटके थे, जो वर्ल्ड रिकॉर्ड है। हालांकि, दीपक चाहर के नाम एक ही दिन में सबसे ज्यादा लोगों के सिर फोड़ने का भी ‘रिकॉर्ड’ है। दीपक ने बचपन में एक ही दिन में अपने तीन साथियों के सिर फोड़ दिए थे। यह राज उन्होंने कपिल शर्मा के शो में खोला था। हालांकि, शो में उन्होंने यह भी कहा था कि तीनों ही घटनाओं में उनकी कोई गलती नहीं थी। वह तो एक मासूम बच्चे थे।
दीपक ने कॉमेडियन कपिल शर्मा के शो ‘The Kapil Sharma Show 2019’ में बताया, ‘जब मैं छोटा था तो मेरे साथ एक हादसा हुआ था। हम लोग बचपन में लकड़ी की थापी (मुगरी) से खेलते थे। एक बार स्कूल में जब चौथी कक्षा में था तो मैंने गलती से तीन लोगों के सिर एक दिन में फोड़े। गलती से, मैंने जानबूझकर नहीं फोड़े। हमारा दूसरा पीरियड था। हम टेनिस बॉल बैग में रखते थे और एक लकड़ी का फट्टा था, उसे हम क्लास में छिपाकर रखते थे, उससे खेलते थे। मैं बैटिंग कर रहा था। कीपर पीछे कीपिंग कर रहा था। मैंने पुल शॉट मारा, कीपर ज्यादा पास आ गया और मेरा बैट सीधा उसके सिर पर पड़ा। उसका सिर फट गया बेचारे का। बगल में ही हॉस्पिटल था, मैं उसको साथ लेकर गया और इलाज कराकर आया।’
दीपक ने बताया, ‘फिर इंटरवल हुआ। इंटरवल के बाद हमको निर्देश थे कि आपके क्लास का दरवाजा बंद होना चाहिए और सब बच्चे अंदर होने चाहिए क्लास में। मेरी सीट क्लास में सबसे आगे दरवाजे के पास थी। मैं बैठा हुआ था। इंटरवल हो गया। सब लोग बैठ गए। दरवाजा खुला हुआ था। तो मैंने सीट पर बैठे-बैठे ही उसमें जोर से लात मारी कि दरवाजा बंद हो जाए। इस बीच, बेचारा कोई लड़का बाहर से भागता हुआ आ रहा था। उसके सिर में दरवाजा तेजी से भिड़ गया। एक दम सटीक टाइमिंग थी। मैंने उसको बोला भाई तू मत जाना टीचर के पास में। नहीं मेरे को घर भेज देंगे, लेकिन वह टीचर के पास गया। टीचर्स ने बुलाकर डांटा।’
दीपक ने बताया, ‘उस दिन हमारा आखिरी पीरियड भी खाली था। हमको मौका मिल गया। हम सब लोग बैठे हुए थे। हमारी क्लास में एक बेंच थी जिसमें सीट और डेस्क (दोनों लोहे की) साथ जुड़ी हुई थी। हमारी क्लास में वह एक ही थी। बाकी सब लकड़ी की अलग-अलग वाली थीं। सब लड़के एक दूसरे से कहने लगे कि इसको कौन उठा सकता है। मैंने कहा हम उठाएंगे। मैं गया मैंने उसे ऊपर की ओर उठाया, लेकिन जैसे ही नीचे रख रहा था, तभी एक लड़का शायद वह अपनी रबड़ (इरेजर) ढूंढ रहा था नीचे, उसके सिर पर लगी पीछे की ओर। उसका सिर सबसे ज्यादा फट गया, क्योंकि लोहा लगा था।’
दीपक ने बताया, ‘मैंने उस लड़के के पैर पकड़ लिए। तू मत जाना टीचर्स के पास। मैंने कहा तू गया तो ये मेरे को टीसी (ट्रॉन्सफर सर्टिफिकेट) दे देंगे। हुआ भी यही। वह गया बेचारा, उसे लगी ज्यादा थी। अगले दिन प्रिंसिपल ने मेरे पापा को बुला लिया। उन्होंने कहा कि तुम मत आना तुम्हारे पापा आएंगे अब अगले दिन। अगले दिन जब पापा स्कूल गए तो उन्हें मेरी टीसी पकड़ा दी।’
बता दें कि दीपक चाहर ने अब तक टीम इंडिया के लिए सिर्फ 3 वनडे और 10 टी20 मैच ही खेले हैं, लेकिन कम समय में ही उन्होंने चयनकर्ताओं का भरोसा जीत लिया है। ऑस्ट्रेलिया के लिए चुनी गई टी20 टीम इंडिया में भी उनका नाम है।
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