आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप में 29 अक्टूबर को दो मैच हैं। दिन का दूसरा मुकाबला शाम 7:30 बजे से दुबई के दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाना है। यह मैच है तो पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच, लेकिन इसके नतीजे का असर भारत पर भी पड़ सकता है। अफगानिस्तान की नजर इस मैच को जीतकर सुपर-12 के ग्रुप 2 में टॉप पर पहुंचने पर होगी।
दरअसल, पाकिस्तान अपने दोनों मैच जीतकर सुपर-12 के ग्रुप 2 में टॉप पर है। दूसरे नंबर पर अफगानिस्तान है। उसने अब तक एक मैच ही हुआ है। उसने न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछले मैच में जीत हासिल की थी। नामीबिया भी एक मैच जीतकर तीसरे नंबर पर है। न्यूजीलैंड चौथै और भारत पांचवें नंबर पर है।
स्कॉटलैंड अपने शुरुआती दो मैच हारकर पॉइंट्स टेबल में आखिरी पायदान पर है। यदि 29 अक्टूबर के मैच में अफगानिस्तान पाकिस्तान को हरा देता है तो वह अंक तालिका में शीर्ष पर पहुंच जाएगा। उसका नेट रनरेट (+6.500) पाकिस्तान (+0.738) से बेहतर है।
भारत को यदि सेमीफाइनल की दौड़ में बने रहने है तो उसे 31 अक्टूबर को न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाले मैच में जीत हासिल करनी ही होगी, नहीं तो उसका खिताब जीतने का सपना टूट सकता है।
इस मैच में पाकिस्तान के मजबूत गेंदबाजी आक्रमण के सामने अफगानिस्तान के प्रभावशाली बल्लेबाजों के कौशल की कड़ी परीक्षा होगी। भारत और न्यूजीलैंड पर जीत से पाकिस्तान का मनोबल बढ़ा हुआ है, लेकिन उसके प्रदर्शन में एकदम से बदलाव देखने को मिलता रहा है। अफगानिस्तान इसका फायदा उठा सकता है।
बाबर आजम की अगुआई वाली टीम निश्चित तौर पर मैच में जीत के दावेदार के रूप में शुरुआत करेगी। हालांकि, अफगानिस्तान की टीम को हल्के से नहीं लिया जा सकता है। करारे शॉट जमाने वाले बल्लेबाजों और विश्वस्तरीय स्पिनर्स की मौजूदगी में वह किसी भी टीम को चुनौती देने में सक्षम है।
अफगानिस्तान के बल्लेबाजों ने अपने ताकतवर शॉट के दम पर पिछले मैच में स्कॉटलैंड के गेंदबाजों पर दबदबा बनाया था, लेकिन अब उसका सामना ऐसे आक्रमण से है जिसे प्रतियोगिता में सबसे खतरनाक माना जा रहा है।
पाकिस्तान के गेंदबाजों के सामने अफगानिस्तान के बल्लेबाज आंख मूंदकर लप्पेबाजी नहीं कर सकते हैं। उन्हें संभलकर बल्लेबाजी करनी होगी। अफगानिस्तान के लिए टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करना सबसे अच्छा विकल्प होगा।
अफगानिस्तान की ताकत
हजरतुल्लाह जजाई, रहमानुल्ला गुरबाज और नजीबुल्लाह जादरान मैदान के चारों तरफ शॉट जमाने में माहिर हैं तो राशिद खान और मुजीब-उर रहमान जैसे विश्वस्तरीय स्पिनर अफगानिस्तान को एक बेहद संतुलित टीम बनाते हैं।
राशिद और मुजीब विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों पर भी अंकुश लगाने की क्षमता रखते हैं। इसके बाद बल्लेबाज परिस्थितियों के अनुसार रणनीति बना सकते हैं। उनमें जज्बे की कमी नहीं है, लेकिन उन्हें बड़े मैचों का दबाव झेलने का अनुभव नहीं है।
पाकिस्तान की ताकत
जिस तरह से शाहीन शाह अफरीदी, हसन अली और हारिस रऊफ ने अब तक बल्लेबाजों को परेशान किया है। उसे देखकर कहा जा सकता है कि पाकिस्तान की तेज गेंदबाजी की इस तिकड़ी के सामने अफगानिस्तान के बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा होगी।
इसके अलावा पाकिस्तान के स्पिन विभाग में अनुभवी ऑफ स्पिनर मोहम्मद हफीज, इमाद वसीम और शादाब खान है, जिससे अफगानिस्तान के लिए चुनौती बेहद कड़ी हो गई है। ऐसे में अफगानिस्तान को यदि मैच में जीत दर्ज करनी है तो उसके गेंदबाजों को पाकिस्तानी बल्लेबाजों पर दबाव बनाना होगा।
पाकिस्तान के शीर्ष क्रम में कप्तान आजम और मोहम्मद रिजवान ने अब तक अच्छी भूमिका निभाई है। यदि ये दोनों नाकाम रहते हैं तो फखर जमान और मोहम्मद हफीज को जिम्मेदारी संभालनी होगी।
लगातार तीसरी जीत से पाकिस्तान की सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीदें मजबूत हो जाएंगी क्योंकि इसके बाद उसका सामना स्कॉटलैंड और नामीबिया जैसी अपेक्षाकृत कमजोर टीमों से होगा।
दोनों टीमें इस प्रकार हैं:
अफगानिस्तान: राशिद खान, रहमानुल्ला गुरबाज, हजरतुल्लाह जजाई, उस्मान गनी, असगर अफगान, मोहम्मद नबी (कप्तान), नजीबुल्लाह जादरान, हशमतुल्ला शाहिदी, मोहम्मद शहजाद, मुजीब उर रहमान, करीम जनत, गुलबदीन नायब, नवीन-उल-हक, हामिद हसन, फरीद अहमद।
पाकिस्तान: बाबर आजम (कप्तान), मोहम्मद रिजवान, फखर जमान, मोहम्मद हफीज, शोएब मलिक, हसन अली, हारिस रउफ, शाहीन शाह अफरीदी, इमाद वसीम, शादाब खान, मोहम्मद नवाज, आसिफ अली, हैदर अली, सरफराज अहमद, मोहम्मद वसीम, सोहैब मकसूद।