श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के पहले ही दिन छह विकेट लेकर टीम की स्थिति मजबूत करने वाले भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि उन्होंने खुद का आलोचक बनकर अपने प्रदर्शन में सुधार किया।
अश्विन ने पहले दिन के खेल के बाद कहा कि मेरी इस सफलता का कुछ श्रेय रविचंद्रन अश्विन को भी जाना चाहिए क्योंकि मैंने अपनी गेंदबाजी का गहराई से आकलन किया। मैं खुद का आलोचक बना और खुद पर सवाल खड़े किए तब जाकर गेंदबाजी में सुधार कर पाया। मुझे मेरे सवालों के जवाब टीम निदेशक रवि शास्त्री और सहायक कोच भरत अरूण से भी मिला।
अश्विन ने कहा कि जिदंगी में कोई भी उपलब्धि स्थाई नहीं होती। मेरा मानना है कि आपको हमेशा सुधार करना पड़ता है। मुझे खुद की क्षमता को पहचानने का मौका मिला।
अश्विन श्रीलंका के खिलाफ 43 रन देकर 6 विकेट लेने और मेजबान टीम को 183 रन पर आउट करने की खुशी को भी नहीं छिपा पाए। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ पिछले दौर में 87 रन देकर पांच विकेट लेने के प्रयास का जिक्र करते हुए कहा कि मैं लगातार दो मैचों में ऐसा प्रदर्शन करके बहुत खुश हूं। मैं इससे अधिक इस पर गौर करता हूं कि मैच किस स्थिति में है। मैं खुद की उपलब्धियों पर ध्यान नहीं देता। मैं बेहतर बनना चाहता हूं और मेरी प्रक्रिया जारी है।
अश्विन ने टीम निदेशक रवि शास्त्री की तारीफ करते हुए कहा कि रवि शास्त्री से बात करने से काफी मदद मिली। शास्त्री का टीम पर काफी सकारात्मक प्रभाव है। जब मैं ऑस्ट्रेलिया में नहीं खेल रहा था तो वह मेरे पास आए और उन्होंने मुझसे कहा कि मैं क्यों नहीं खेल रहा हूं। उन्होंने मेरे प्रति थोड़ी सहानुभूति जताई। उनका बेहद सकारात्मक प्रभाव है। उन्होंने मुझसे उन चीजों पर बात करने की कोशिश की जो उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में खेलते हुए अनुभव की थी।