दिल्ली की एक अदालत द्वारा स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों से बरी करार दिये गए भारत के पूर्व तेज गेंदबाज एस श्रीसंत समेत तीन क्रिकेटरों के लिये अपने जज्बात पर काबू रखना मुश्किल हो गया था और उन्होंने कहा कि दो साल की बदनामी के बाद अब उनकी नजरें वापसी पर है।
श्रीसंत, मुंबई के बायें हाथ के स्पिनर अंकित चव्हाण और राजस्थान के ऑफ स्पिनर अजित चंदीला की आखों से उस समय आंसू नहीं थम रहे थे जब पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें 2013 आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में स्पॉट फिक्सिंग के तमाम आरोपों से बरी कर दिया।
श्रीसंत ने अदालत के बाहर पत्रकारों से कहा,‘‘मैं इस समय बहुत खुश हूं और उम्मीद है कि जल्दी अभ्यास शुरू करूंगा। मुझे अभ्यास सुविधायें इस्तेमाल करने के लिये बीसीसीआई की इजाजत लेनी होगी ताकि मैं फिट होकर वापसी की कोशिश कर सकूं। ईश्वर की कृपा है।’’
उसने कहा,‘‘मैं क्रिकेट खेलने के लिये ही पैदा हुआ हूं। मैं पहले एक क्रिकेटर हूं। बीसीसीआई का रवैया काफी सहयोगात्मक रहा है। केरल में टीसी मैथ्यू सर ने मुझे कहा कि एक बार यह सब खत्म हो जाये, फिर वह आगे का काम देखेंगे। एक क्रिकेटर के लिये इससे बुरा क्या हो सकता है कि वह स्टेडियम के पीछे खड़ा है और उसमें खेल नहीं सकता। मैने बहुत कुछ सहा है लेकिन वह अतीत की बात है। मैं अब आगे की सोच रहा हूं और अपने आंसुओं को रोक नहीं पा रहा।’’
चव्हाण और चंदीला ने भी कहा कि उन्हें मैदान पर लौटने का बेताबी से इंतजार है। तीनों को पड़ताल के दौरान जेल की सजा भी काटनी पड़ी। श्रीसंत और चव्हाण पर बीसीसीआई ने आजीवन प्रतिबंध लगा रहा है जबकि चंदीला की सुनवाई चल रही है।
चव्हाण ने कहा,‘‘जहां तक मैं जानता हूं कि अब आरोपों से बरी होने के बाद मैं क्रिकेट खेल सकता हूं। देखते हैं कि क्या होता है। मेरे लिये यह कठिन समय था लेकिन दोस्तों और परिवार का पूरा साथ रहा। मुझे यकीन है कि मैं फिर क्रिकेट खेल सकूंगा।’’
चंदीला ने कहा कि वह जल्दी से वापसी करने को बेताब है। उन्होंने कहा,‘‘मेरा न्यायपालिका पर और ईश्वर पर भरोसा था। अब मेरा बीसीसीआई पर भी भरोसा है कि वह मुझे फिर खेलने का मौका देगा। मैं अपने वकील से बात करूंगा जो मेरे लिये भगवान की तरह है। यह मेरे जीवन का सबसे खराब समय था लेकिन मेरा न्यायपालिका पर भरोसा रहा। दो साल बाद अब मैं चैन से सो सकूंगा।’’
श्रीसंत की मां सावित्री देवी ने कहा कि वह फैसले के बाद राहत महसूस कर रही है। उन्होंने कहा,‘‘मैं ईश्वर की शुक्रगुजार हूं। मैं बता नहीं सकती कि उसने (श्रीसंत ने) क्या झेला है।’’