IND vs SL: एशिया कप 2022 में 6 सितंबर को भारत और श्रीलंका के बीच सुपर-4 का तीसरा मुकाबला है। यह मुकाबला भारतीय समयानुसार शाम 7:30 बजे से दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाना है। रोहित शर्मा की अगुआई वाली भारतीय टीम के लिए यह मैच करो या मरो का मुकाबला है।
भारत को यदि एशिया कप 2022 के खिताब की दौड़ में बने रहना है तो उसे हर हाल में यह मैच जीतना ही होगा। साथ ही नेट रनेरट भी काफी बेहतर रखना होगा। सुपर-4 की पॉइंट्स टेबल में भारत अभी तीसरे नंबर पर है। उसका नेट रनरेट -0.126 है।
पहले नंबर पर श्रीलंका है। उसका नेट रनरेट +0.589 है। दूसरे नंबर पर पाकिस्तान है। उसका नेट रनरेट भी + में यानी +0.126 है। ऐसे में भारत के लिए नेट रनरेट की लड़ाई काफी अहम हो जाती है। इसके अलावा एक और क्षेत्र है, जिसको नजरअंदाज करना टीम इंडिया को भारी पड़ सकता है।
हम बात कर रहे हैं स्लो ओवर रेट की। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) जनवरी 2022 में टी20 में स्लो ओवर रेट के लिए नया नियम लेकर आई थी। नए नियम के मुताबिक, जब टीमें तय समय में अपने कोटे के 20 ओवर नहीं फेंक पाती हैं तो उन पर स्लो ओवर रेट पेनल्टी लगती है।
इसके तहत वह 30 गज के घेरे के बाहर एक फील्डर कम यानी 4 फील्डर ही तैनात कर सकती है। टी20 में किसी भी टीम को 20 ओवर फेंकने के लिए 85 मिनट मिलते हैं। करीब 4.15 मिनट में एक ओवर। स्लो ओवर रेट का नियम खास तौर पर डेथ ओवर्स में बहुत भारी पड़ता है।
इस कारण टीमें बाउंड्री पर सिर्फ फील्डर ही रख पाती हैं। एशिया कप 2022 में इस नियम का काफी असर नजर आया है। खास तौर पर भारत और पाकिस्तान के दोनों मुकाबलों और श्रीलंका तथा बांग्लादेश मैच के नतीजों पर भी इस नियम का असर देखने को मिला।
मैच के दौरान खिलाड़ी के इलाज में लगने वाले समय को गेंदबाजी करने वाली टीम के समय में नहीं जोड़ा जाता है। इसके अलावा चोटिल खिलाड़ी के रिप्लेसमेंट, DRS रिव्यू, थर्ड अंपायर रेफरल के अलावा ऐसी चीजें जो अंपायर्स के अनुसार फील्डिंग करने वाली टीम के नियंत्रण में नहीं होती हैं।
टी20 क्रिकेट में रोमांच बनाए रखने के लिए स्लो ओवर रेट पेनल्टी का नियम लाया गया। दरअसल, कई बार गेंदबाजी करने वाली टीम बल्लेबाज का ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर ज्यादा समय लेने लगती है। स्लो ओवर रेट की पेनल्टी से टीमों की ऐसी कोशिशों पर रोक लगती है।
आईसीसी के नियम के मुताबिक, टी20 मैच में अगर कोई बल्लेबाज जानबूझकर समय खराब करता है, तो इसकी पेनल्टी जब वह टीम गेंदबाजी करने आती है, तब लगती है। मतलब बल्लेबाज ने जितना समय खराब किया, गेंदबाजी के दौरान उतने समय के लिए स्लो ओवर पेनल्टी लगती है।
अंपायर को फील्डिंग कप्तान और बल्लेबाजों को यह बताना होता है कि किस समय तक पारी खत्म हो जानी चाहिए। आईसीसी के नियम के मुताबिक, फील्डिंग कर रही टीम का वर्तमान ओवर रेट हर 30 मिनट में थर्ड अंपायर की सलाह पर स्कोर बोर्ड या ग्राउंड की रिप्ले स्क्रीन पर दिखाया जाता है।