Sarfaraz Khan Interview: कभी गिरते तो कभी गिरके संभलते रहते, बैठे रहने से तो बेहतर था कि चलते रहते। चलके गैर के कदमों से तुम कहीं के न रहे,अपने कदमों से जो चलते तो चलते रहते। रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में लगातार शानदार प्रदर्शन के बाद भी टीम इंडिया (Team India) में चयन न होने पर मुंबई के क्रिकेटर सरफराज खान (Sarfaraz Khan) ने अपना हाल बयां करने के लिए बातचीत की शुरुआत इस उर्दू शायरी से की।
25 साल के क्रिकेटर सरफराज खान (Sarfaraz Khan) की हालत यूपीएससी (UPSC)की तैयारी कर रहे छात्र की तरह है, जो दिन रात परीक्षा पास करने के लिए तैयारी कर रहा, लेकिन मेंस एग्जाम पास नहीं कर पा रहा। सरफराज खान (Sarfaraz Khan) ने डोमेस्टिक क्रिकेट में खूब रन बनाए हैं, लेकिन एक बार फिर उनका चयन टीम इंडिया में नहीं हुआ। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले दो टेस्ट के लिए टीम इंडिया में चयन नहीं हुआ। तीन साल की कड़ी मेहनत का फल न मिलने पर सरफराज खान (Sarfaraz Khan) की निंद उड़ गई।
सरफराज खान बोले – मैं डिप्रेशन में नहीं जाऊंगा
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज (IND vs AUS Test Series) में चयन न होने के बाद द इंडियन एक्सप्रेस से सरफराज खान (Sarfaraz Khan) ने कहा, “कहीं भी जाता हूं तो सुनता हूं कि मैं जल्द ही भारत के लिए खेलूंगा। टीम में चयन न होने पर सोशल मीडिया पर हजारों मैसेज आए। सब बोलते हैं तेरा टाइम आएगा। मैं चयन के अगले दिन असम से दिल्ली आया और पूरी रात सो नहीं पाया। मैं खुद पूछता रहा कि मैं वहां क्यों नहीं हूं? लेकिन अब पापा से बात करने के बाद मैं नॉर्मल हो गया हूं। मैं अभ्यास कभी नहीं छोड़ूंगा, मैं डिप्रेशन में नहीं जाऊंगा। चिंता मत कीजिए, मैं कोशिश करता रहूंगा।”
इंडिया के ब्रेडमैन सरफराज खान
सरफराज खान (Sarfaraz Khan) ने साल 2019 से मुंबई के लिए 22 पारियों में 134.64 के औसत से 2289 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 9 शतक, 5 अर्धशतक, 2 डबल सेंचुरी और 1 ट्रिपल सेंचुरी लगाई है। इस शानदार प्रदर्शन के कारण उनके दोस्त उन्हें इंडिया का ब्रेडमैन बुलाते हैं। इस शानदार प्रदर्शन के बाद भी अगर टीम इंडिया में चयन न हो तो क्रिकेटर पर क्या गुजर रही होगी वह समझा जा सकता है।
सरफराज खान बोले- एक दिन आएगा जब मैं भारत के लिए खेलूंगा
चयन न होने पर सरफराज खान (Sarfaraz Khan) ने कहा कि उन्हें ठेस पहुंची है। उनके पिता और कोच नौसाद खान को भी काफी बुरा लगा। सरफराज ने कहा, “मैं काफी निराश था। यह किसी के लिए भी स्वाभाविक है, खासकर जब आपने इतने रन बनाए हों। मैं भी इंसान हूं, मशीन नहीं। मेरी भी भावनाएं हैं। मैंने अपने पिता से बात की और वह दिल्ली आ गए। मैंने अभी उनके साथ दिल्ली में प्रैक्टिस सेशन में हिस्सा लिया। मुझे संदेश मिल रहे हैं और कहा जा रहा है कि मुझे टीम में होना चाहिए था। मेरे पिता आए और कहा कि हमारा काम रन बनाना है और उन्हें लगता है कि एक दिन आएगा जब मैं भारत के लिए खेलूंगा। इसलिए हमें उस विश्वास को बनाए रखने की जरूरत है और बाकी सबकुछ भाग्य पर निर्भर है।”
चेतन शर्मा से हुई थी मुलाकात
सरफराज खान (Sarfaraz Khan) को सुनने में आ रहा था कि उनके घरेलू प्रदर्शन के आधार पर उनका चयन भारत-बांग्लादेश के बीच टेस्ट सीरीज में होगा। मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा ने दो हफ्ते पहले उनसे मुलाकात की थी और कहा था कि जीवन में सभी अच्छी चीजें देर से आती हैं, लेकिन क्रिकेट में समय का बहुत महत्व है। उन्होंने कहा , ” मैं अपना नाम न देखकर काफी उदास था, लेकिन ये मेरे हाथ में नहीं है। मैं जो कर सकता हूं वह कर रहा हूं। दिन को दिन और रात को रात नहीं समझा। मैं दिन-रात अभ्यास कर रहा हूं। जब मैं बड़ा हो रहा था, तो घर पर सवाल होता था कि क्या मुझे मुंबई की रणजी टीम में जगह मिलेगी। अब हम बात कर रहे हैं कि मुझे भारतीय टीम में कब जगह मिलेगी। इसलिए मैं आगे बढ़ गया हूं।”
लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में भी खेलना चाहते हैं सरफराज खान
क्या इंडिया ए या फिटनेस के कारण चयन नहीं हुआ? इस सवाल का जवाब देते हुए सरफराज खान (Sarfaraz Khan)कहते हैं, ” ऐसा नहीं है। ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो इंडिया ए टीम के लिए नहीं खेले हैं और उन्हें भारतीय टीम में जगह मिली है। इसलिए मेरा मानना है कि अपना समय आएगा। केवल लाल गेंद ही क्यों? मैंने सफेद गेंद के क्रिकेट में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। मैं विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान अस्पताल में भर्ती था, लेकिन वापस आया और दो मैचों में शतक बनाए। सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी में मैंने मुंबई के लिए विकेटकीपिंग भी की। मुझे लगता है कि मैं सीमित ओवरों के मैचों में भी भारत के लिए खेल सकता हूं, चाहे कोई कुछ भी कहे।”