सचिन तेंदुलकर को उनके 50वें जन्मदिन पर खास तोहफा मिलेगा। बर्थडे गिफ्ट के तौर पर मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में उनकी आदमकद प्रतिमा लगाई जाएगी। हालांकि, प्रतिमा का अनावरण इस साल भारत में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप के दौरान किया जाएगा। स्टेच्यू कहां लगेगा, इसका फैसला भी सचिन तेंदुलकर पर छोड़ दिया गया है। सचिन तेंदुलकर इसी सिलसिले में पत्नी अंजलि तेंदुलकर के साथ वानखेड़े स्टेडियम पहुंचे थे। उनके साथ मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अमोल काले भी थे।
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में अपनी प्रतिमा लगाए जाने को लेकर दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने कहा, मुझे बहुत खुशी हो रही है। यहीं से मेरा करियर शुरू हुआ था। ये मेरे लिए बहुत खास जगह है। इस जगह से मेरी बहुत ही खास चीजें जुड़ी हुई हैं। इस जगह पर मेरी प्रतिमा बनेगी, ये मेरी लिए बहुत बड़ी बात है।
बता दें कि सचिन तेंदुलकर ने वानखेड़े स्टेडियम में ही अपना पहला और आखिरी विश्व कप खिताब जीता था। इसी मैदान पर उन्होंने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। वानखेड़े स्टेडियम में सचिन तेंदुलकर के नाम से एक स्टैंड पहले से ही है। उनके अलावा सुनील गावस्कर के नाम से भी स्टैंड है, लेकिन किसी खिलाड़ी का स्टेच्यू पहली बार लगाया जाएगा।
मैडम तुषाद म्यूजियम में भी लगा है सचिन तेंदुलकर का स्टेच्यू
कई दिग्गज क्रिकेटर्स के स्टेच्यू मैडम तुसाद म्यूजियम में भी हैं, जिनमें सचिन तेंदुलकर का नाम भी शामिल है। देश के तीन अगल-अलग स्टेडियम में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी सीके नायडू के स्टेच्यू लगे हैं। एक स्टेच्यू विदर्भ क्रिकेट स्टेडियम में लगा हुआ है, जबकि आंध्र प्रदेश और इंदौर के होलकर स्टेडियम में लगा है।
बॉम्बे (अब मुंबई) में 24 अप्रैल 1973 को जन्में सचिन तेंदुलकर ने 16 नवंबर 2013 को क्रिकेट से संन्यास लिया था। सचिन तेंदुलकर ने वानखेड़े स्टेडियम में अपनी फेयरवेल स्पीच भी दी थी। सचिन तेंदुलकर ने उस स्पीच के दौरान अपने बेटे अर्जुन तेंदुलकर और बेटी सारा तेंदुलकर से माफी मांगी थी। इस दौरान उनकी पत्नी अंजलि तेंदुलकर की आंखों में आंसू भी दिखे थे।
मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अमोल काले ने बताया, मुझे उम्मीद है कि इस साल अक्टूबर-नवंबर में भारत में होने वाले एकदिवसीय विश्व कप के दौरान प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। सचिन तेंदुलकर के क्रिकेट में योगदान को पूरी दुनिया जानती है। सचिन तेंदुलकर क्रिकेट का गौरव और भारत रत्न हैं।