भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने टेस्ट और वनडे में 10 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं। उनके नाम 164 टेस्ट में 13288 रन और 344 वनडे में 10889 रन हैं। टेस्ट में उन्होंने 36 तो वनडे में 12 शतक लगाए हैं। टेस्ट में 63 और वनडे में 83 अर्धशतक उनके बल्ले से निकले हैं। अपनी धीमी बल्लेबाजी के लिए मशहूर द्रविड़ को टीम इंडिया का संकटमोचक कहा जाता था। उन्होंने कई बार धीमी पारी खेलकर टीम को संकट से निकाला है तो कई बार उन्हें आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा है। एक ऐसा ही वाकया 2005 में कोलकाता के ईडन गार्डन्स पर खेले गए भारत-पाकिस्तान टेस्ट के दौरान का है।
द्रविड़ मैच के पहले दिन पहली पारी में 83 रन बनाकर खेल रहे थे। उन्होंने दानिश कनेरिया की लगातार दो गेंदों को सामने की ओर खेला। इस पर रन नहीं बने। द्रविड़ डिफेंस में काफी मजबूत थे। वे बड़े शॉट कम ही लगाते थे। मैच में कमेंट्री कर रहे अरुण लाल और रमीज राजा इसे लेकर बात कर रहे थे। दरअसल, कनेरिया लगातार गेंद को फ्लाइट करा रहे थे। वे उन्हें बड़े शॉट खेलने के लिए उकसा रहे थे, लेकिन द्रविड़ धैर्य के साथ खेल रहे थे। तभी अरुण लाल ने कहा कि आप द्रविड़ को बड़ा शॉट लगाते हुए नहीं देख सकते हैं। जब तक वो बिना रिस्क के रन बना रहे हैं तब तक वो आगे बढ़कर शॉट नहीं खेलेंगे। पाकिस्तानी कमेंटेटर रमीज राजा ने सहमति जताई।
जैसे ही कमेंटेर ने द्रविड़ के बारे में ऐसा कहा उन्होंने लॉन्ग ऑन पर लंबा छक्का लगा दिया। इसे देखकर कमेंट्री बॉक्स में बैठे लोग हैरान रह गए और फिर द्रविड़ की तारीफ करने लगे। उस पारी में उन्होंने 110 रन बनाए थे। 222 गेंद की पारी में उनके बल्ले से 15 चौके और एक छक्का निकला था। द्रविड़ के अलावा वीरेंद्र सहवाग ने 81, सचिन तेंदुलकर ने 52 और गौतम गंभीर ने 29 रन बनाए थे। भारत ने पहली पारी में 407 रन बनाए। पाकिस्तान ने यूनुस खान के 147 और मोहम्मद यूसुफ के 104 रनों की बदौलत पहली पारी में 393 रन बनाए थे। भारत को 14 रनों की बढ़त मिली थी।
दूसरी पारी में भी भारत ने 407 रन बनाए। उसने 9 विकेट गिरने के बाद पारी घोषित कर दी थी। पहली पारी में शतक लगाने वाले द्रविड़ ने दूसरी पारी में 135 रन ठोक दिए। सचिन ने फिर से 52 रनों की पारी खेली। दिनेश कार्तिक ने तेजी से रन बनाते हुए 140 गेंदों पर 93 रन बनाए थे। पाकिस्तान को जीत के लिए 429 रनों का लक्ष्य मिला था। शाहिद अफरीदी ने 59 गेंद पर 59 रन बनाए। असीम अकमल ने 144 गेंद पर 50 रन बनाए थे। पाकिस्तान 226 रनों पर ढेर हो गया और भारतीय टीम 195 रनों से जीत गई थी।