रोहित शर्मा को पुलिस ने दी थी जेल में डालने की धमकी, हिटमैन ने इंटरव्यू में खुद कबूली थी बात
रोहित शर्मा ने इंटरव्यू के दौरान यह भी बताया था कि उनके करियर की कहानी काफी कुछ सचिन तेंदुलकर से मिलती जुलती है। आर्थिक तंगी के चलते रोहित शर्मा बचपन में अपने माता-पिता की जगह दादा-दादी के घर पर रहकर पले बढ़े हैं।

रोहित शर्मा जब छोटे थे तब एक बार उन्हें पुलिस ने जेल में डालने की धमकी दी थी। इस बात का खुलासा रोहित शर्मा ने गौरव कपूर के यूट्यूब शो ‘ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस’ (Breakfast With Champions) के लिए दिए इंटरव्यू में किया था। रोहित ने शो में यह भी बताया था कि उनके करियर की कहानी काफी कुछ सचिन तेंदुलकर से मिलती जुलती है।
रोहित ने बताया था कि जैसे सचिन तेंदुलकर बचपन में अपने रिश्तेदार के घर पर रहकर पले-बढ़े। उसी तरह वह भी बचपन में अपने माता-पिता की जगह दादा-दादी के घर पर रहकर पले बढ़े। शो के दौरान रोहित ने गौरव को बताया, ‘क्रिकेट हमारी फैमिली में था ही। लोग पसंद करते थे, क्रिकेट खेलना, देखना। हां चौबीसो घंटे नहीं, लेकिन 16 घंटे तक हमारे घर में क्रिकेट देखा जाता था। मेरे 6 चाचा हैं, दो बुआ हैं।’ गौरव ने बीच में टोका, ‘पूरी क्रिकेट टीम घर पर ही है।’ रोहित ने कहा, ‘बिल्कुल, बिल्कुल। सारे चाचाओं ने कभी न कभी क्रिकेट खेला है। बहुत ऊपर स्तर पर नहीं, लेकिन उनके स्कूल में, कॉलेज में।’
गौरव ने पूछा, ‘क्या उन्होंने कभी आपके खेल में रुचि दिखाई?’ रोहित ने कहा, ‘हां, निश्चित रूप से।’ रोहित ने बताया, ‘मैं जब अपनी बिल्डिंग में खेलता था, तो मेरे चाचा ऊपर से देखते थे, कि यार कैसा बैटिंग कर रहा है, क्या कर रह है यह। वहां पर बहुत सारे कांच जो हैं, बिल्डिंग के बहुत तोड़े हैं हमने।’ रोहित ने बताया कि कांच तोड़ने के चक्कर में पुलिस में भी शिकायत हुई है। पुलिस भी उनके घर पर आई है।
इस पर गौरव ने आश्चर्य जताते हुए पूछा, ‘कांच तोड़ने के लिए पुलिस आई?’ इस पर रोहित ने कहा, ‘हां, हां, क्योंकि यह एक दिन का नहीं था। यह रोज का था। जितने भी पड़ोसी थे, सारे परेशान हो गए थे हम लोगों से। हम 3-4 लड़के थे, जो हमेशा खेलते थे क्रिकेट। तो पड़ोसियों ने पुलिस में शिकायत की।’
रोहित ने बताया, ‘पुलिस ने आकर हमको धमकी दी।’ यह सुनकर गौरव की आंखें फिर खुली रह गईं। रोहित ने हंसते हुए कहा, ‘हां, पुलिस ने आकर हमको धमकी दी। कहा अगर दोबारा किया तो हम जेल में डाल देंगे आपको। फिर हमने ग्राउंड में खेलना शुरू किया, लेकिन वह बचपना तो जाएगा नहीं। इसलिए हम कभी न कभी बिल्डिंग में खेलते ही थे।’