लोगों को हमेशा आलोचना सुनने का बहुत शौक हो गया है, केएल राहुल की फार्म को लेकर बोले विराट कोहली
कोहली ने कहा, ‘जितना मुझे लगता है कि क्रिकेट सेटअप के बाहर बहुत बेचैनी है। लोगों के अपने विचार होते हैं। कोई प्लेयर नीचे होगा, तो बहुत मजा आता है लोगों को उसको और नीचे गिराने में। लेकिन टीम के अंदर हमको समझ आता है कि लोगों को मैनेज करना है।’

केएल राहुल की फॉर्म भारतीय क्रिकेट टीम के साथ-साथ उसके प्रशंसकों के लिए भी चिंता का सबब है। इंग्लैंड के खिलाफ 5 टी20 की सीरीज के 4 मैच में वह सिर्फ 15 रन ही बना पाए थे। आखिरी टी02 से उन्हें ड्रॉप कर दिया गया था। ऐसे में उनका इंग्लैंड के खिलाफ पहले वनडे में भी खेलना संदिग्ध माना जा रहा है। हालांकि, राहुल को अपने कप्तान विराट कोहली का पूरा समर्थन हासिल है।
कोहली का कहना है कि राहुल को लेकर जो बाहर बातें चल रही हैं, वह एकदम बेकार और फालतू हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने खिलाड़ी को बैक करेंगे और कोशिश करेंगे कि भविष्य में भी उनको एक अच्छे मेंटल स्पेस में रखें। विराट ने इस दौरान यह भी कहा कि आजकल लोगों को हमेशा आलोचना सुनने का बहुत शौक हो गया है। विराट ने कहा, ‘फॉर्म और ऑउट फॉर्म की एक ही बात मेरे जेहन में आती है। एक गाना है, कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना, छोड़ो इन बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना।’
कोहली ने कहा, ‘जितना मुझे लगता है कि क्रिकेट सेटअप के बाहर बहुत बेचैनी है। लोगों के अपने विचार होते हैं। लोगों के अपने आइडिया चल रहे होते हैं, कि खिलाड़ी के दिमाग में क्या चल रहा होगा। और वह जजमेंट बन जाती है। लोगों को बहुत शौक हो गया है हमेशा आलोचना सुनने का। कोई प्लेयर नीचे होगा, तो बहुत मजा आता है लोगों को उसको और नीचे गिराने में। लेकिन टीम के अंदर हमको समझ आता है कि लोगों को मैनेज करना है।’
कोहली ने कहा, ‘जो खिलाड़ी निजी तौर पर थोड़े मुश्किल समय से गुजर रहा होता है तो ऐसा नहीं है कि वह क्रिकेट खेलना भूल जाता है। बस उस समय पर मेंटल फ्लैटिरटी थोड़ी कम हो जाती है। आपको यह भी पता होता है कि दुनिया में आपको लेकर क्या बात हो रही है। आपको बोला जा रहा है आप आउट ऑफ फॉर्म हैं। तो वह एक और एक्सटर्नल फैक्टर आप अपने सिस्टम में डाल रहे होते हैं।’
कोहली ने कहा, ‘क्रिकेट साधारण खेल है। आपको बॉल को देखना है, रिएक्ट करना है, बॉल को मारना है। एक-एक मूवमेंट में खेलना वाला खेल है। ईमानदारी से कहूं तो यह सब बाहर की बातें मेरी लिए एकदम फालतू बाते हैं। कौन किस वजह से किस खिलाड़ी के बारे में बोलता है? उसके पीछे क्या उद्देश्य है? क्या उसकी सोच चल रही है? किस वजह से बोल रहा है? किसका माहौल बनाया जा रहा है? ये सब चीजें बाहर ही रहें तो ज्यादा बेहतर हैं। टीम के अंदर न तो हम आने देते हैं और न भविष्य में भी आने देंगे।’