पीवी सिंधू ने 3 साल के लिए किया 50 करोड़ का करार, क्रिकेटर्स के बाद भारत में सबसे बड़ी डील
समझौते के अनुसार सिंधू को हर साल एक तय रकम मिलेगी। बाकी रकम उनके एंडॉर्समेंट के अनुसार मिलेगी।
रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने तीन साल के लिए 50 करोड़ रुपये का करार किया है। इतना बड़ा करार करने वाली वे देश की इकलौती गैर क्रिकेट खिलाड़ी हैं। उन्होंने स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी बेसलाइन से करार किया है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, बेसलाइन के एमडी तुहीन मिश्रा ने बताया कि यह किसी भी भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी की बेस्ट डील है। उनकी लोकप्रियता ने कई कंपनियों का ध्यान खींचा है। कंपनी अब उनकी ब्रांड प्रोफाइलिंग, लाइसेंसिंग, एंडॉर्समेंट आदि का काम देखेगी। बताया जाता है कि 16 कंपनियां सिंधू को अपने साथ जोड़ना चाहती हैं।
तुहीन मिश्रा के अनुसार इनमें से नौ के साथ डील साइन करना आखिरी चरण में है। उनके अनुसार सिंधू के ओलंपिक्स से लौटने के बाद से कई लोगों ने उनसे संपर्क किया है। अगले सप्ताह के अंत तक नौ कंपनियों से होने की संभावना है। बाकी के बारे में अभी फैसला लिया जाना है। हालांकि इस समय ज्यादा जानकारी नहीं दी जा सकती। कोच पुलेला गोपीचंद की तरह ही सिंधू भी स्वास्थय पर बुरा असर डालने वाले उत्पादों को एंडॉर्स नहीं करेगी। गौरतलब है कि गोपीचंद ने कोला का विज्ञापन करने से मना कर दिया था। सिंधू ने साथ ही साफ कर दिया है कि वह विज्ञापनों के लिए बैडमिंटन से समझौता नहीं करेंगी।
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समझौते के अनुसार सिंधू को हर साल एक तय रकम मिलेगी। बाकी रकम उनके एंडॉर्समेंट के अनुसार मिलेगी। गौरतलब है कि पीवी सिंधू ने रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था। ओलंपिक में सिल्वर जीतने वाली वे पहली भारतीय महिला हैं। साथ ही बैडमिंटन में भी भारत के लिए यह सबसे बड़ा पदक है। इससे पहले 2012 में साइना नेहवाल ने लंदन ओलंपिक में कांस्य जीता था। सिंधू ने ओलंपिक से पहले कड़ी मेहनत की थी। कई महीनों तक वह मोबाइल और आइसक्रीम से दूर रही थीं। सिंधू ओलंपिक मेडल के साथ ही वर्ल्ड चैपिंयनशिप में दो बार कांस्य पदक भी जीत चुकी हैं। हालांकि अभी तक उन्हें ग्रेंड प्रिक्स खिताब जीत का इंतजार है।
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